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BRISBANE. ऑस्ट्रेलिया में हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में लगातार तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आ रही हैं। शनिवार को भी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की घटना हुई। इस तोड़फोड़ की घटना में खालिस्तान समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो माह में मंदिर में तोड़फोड़ की यह चौथी घटना है।
मंदिर में पाक से धमकाने वाले फोन भी आए थे
मंदिर में तोड़फोड़ की घटना का पता उस वक्त लगा, जब श्रद्धालु सुबह पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी समर्थकों ने कथित तौर पर ब्रिसबेन के दक्षिण में बरबैंक में स्थित श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर में तोड़फोड़ की यह घटना दो महीने में चौथी बार होना बताया जा रहा है। इससे पहले भी ब्रिसबेन में एक अन्य हिंदू मंदिर, गायत्री मंदिर को खालिस्तान चरमपंथियों से डराने-धमकाने वाले फोन आए थे। ये फोन पाकिस्तान के लाहौर शहर से किए गए थे। पाकिस्तान के लाहौर से की गई फोन कॉल कथित रूप से खालिस्तान समर्थकों ने किए थे।
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मंदिर के अध्यक्ष ने क्या कहा
श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर के पास में ही रहने वाले रमेश कुमार ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को बताया कि मुझे पता है कि मेलबर्न के हिंदू मंदिरों में क्या हुआ है, लेकिन इस नफरत का सामना करना अपने आप में एक बहुत ही दुखद अनुभव है। मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने बताया कि मंदिर के पुजारी और भक्तों ने आज सुबह फोन किया और मुझे मंदिर की चहारदीवारी पर तोड़फोड़ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे प्रबंधन समिति की पुलिस अफसरों के साथ बैठक करने के बाद इस पर विस्तार से जानकारी देंगे।
ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को आतंकित करने वाला कृत्य
हिंदू मानवाधिकार ने खालिस्तान के इस कृत्य को हिंदुओं को आतंकित करने वाला एक तरीका बताया है। हिंदू मानवाधिकार की महानिदेशक सारा एल गेट्स ने ऑस्ट्रेलियाई के एक अखबार को बताया कि हिंदू मंदिरों पर हमला करना चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस का एक पैटर्न है। इसका मकसद ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को आतंकित करना और उनमें दहशत पहुंचाना है।