बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं (Bangladesh Hindu Community) के साथ हिंसक घटनाएं हो रही है। 18 अक्टूबर को यहां के रंगपुर के पीरगंज में 17 अक्टूबर की रात को उपद्रवियों ने हिंदुओं के 65 घरों को आग के हवाले कर दिया। इस हमले की वजह एक सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट बताई जा रही है। एक शख्स ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था। इसके बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया और उपद्रवियों ने उस शख्स के घर पर हमला बोल दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उस व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान की। लेकिन उपद्रवियों ने आसपास के घरों को आग के हवाले कर दिया।
नवरात्रि से बनाया जा रहा हिंदुओं के निशाना
बांग्लादेश में 13 अक्तूबर से हिंदुओं पर हमले शुरू हुए हैं। पहले अलग-अलग स्थानों पर दुर्गा पंडालों को निशाना बनाया गया था और हिंदुओं पर हमला किया गया था। इसमें चार हिंदुओं की मौत हो गई थी, वहीं 60 से ज्यादा घायल हो गए थे। इसके बाद इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया गया और तोड़फोड़ की गई थी। ढाका ट्रिब्यून के अध्यक्ष मोहम्मद सादकुल इस्लाम ने बताया कि उपद्रवी जमात-ए-इस्लामी और छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिविर की स्थानीय इकाई के छात्र थे।
इस्कॉन मंदिर में की गई तोड़फोड़
इससे पहले, नोआखली जिले में पिछले हफ्ते भीड़ ने कथित तौर पर इस्कॉन मंदिर (ISKCON temple) पर हमला किया। इस्कॉन समुदाय ने इसकी जानकारी दी और बताया कि इसके एक सदस्य की मौत भी हुई है। इस्कॉन समुदाय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया, ‘बहुत ही दुख के साथ हम इस्कॉन सदस्य पार्थ दास (Partha Das) की मौत की खबर साझा करते हैं। उन्हें कल 200 लोगों की भीड़ ने बेरहमी से मार डाला। उनका शव मंदिर के बगल में एक तालाब में मिला। हम बांग्लादेश सरकार (Govt of Bangladesh) से मांग करते हैं कि वह इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करे।’