ब्रिक्स सम्मेलन में मिले मोदी-जिनपिंग, लद्दाख में तनाव कम करने पर जताई सहमति, भारत के प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका से ग्रीस रवाना

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Pratibha Rana
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ब्रिक्स सम्मेलन में मिले मोदी-जिनपिंग, लद्दाख में तनाव कम करने पर जताई सहमति, भारत के प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका से ग्रीस रवाना

Johannesburg. दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन गुरुवार (24 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाथ मिलाते नजर आए। हालांकि दोनों के बीच कुछ सेकंड ही बातचीत हुई। बाद में हमारे विदेश सचिव विनय क्वॉत्रा ने जानकारी दी कि मोदी और जिनपिंग इस बात पर सहमत हुए हैं कि लद्दाख में सैन्य तैनाती कम की जाएगी और सीमा पर तनाव कम किया जाएगा। मामले में बातचीत करने वाले दोनों देशों के सैन्य अफसरों से इस कवायद को तेज करने को कहा जाएगा। दूसरी ओर, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन के बाद पीएम मोदी अपने ग्रीक समकक्ष क्यारीकोस मित्सोटाकिस के निमंत्रण पर गुरुवार रात को ही ग्रीस की यात्रा पर रवाना हो गए। दिन में मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोताकिस से मुलाकात करेंगे। 



2022 में भी मोदी और जिनपिंग ने सीमा विवाद पर की थी बात 



विदेश सचिव ने जानकारी दी कि जिनपिंग से बातचीत में प्रधानमंत्री ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के अनसुलझे मुद्दों को उठाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सीमा पर शांति जरूरी है ताकि दोनों देशों के संबंध सामान्य रहें। मालूम हो, इससे पहले नवंबर 2022 में मोदी और जिनपिंग ने इंडोनेशिया में हुए जी20 सम्मेलन में सीमा विवाद पर बात की थी, जिसकी जानकारी इस साल दी गई।



ब्रिक्स से जुड़ेंगे छह नए देश, दिया न्योता 



ब्रिक्स देशों के संगठन में जुड़ने के लिए छह नए देशों को न्योता दिया गया है। इनमें अर्जेंटीना, सऊदी अरब, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और ईरान शामिल हैं। ये एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स के स्थायी सदस्य बन जाएंगे। मालूम हो, ये सभी देश भारत के मित्र हैं। ऐसे में इनके सदस्य होने से भारत और मजबूत होगा। साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जानकारी दी कि पहले चरण की बैठक में इन देशों को संगठन का सदस्य बनने का न्योता दिया गया है। साउथ अफ्रीका में साइन हुए ब्रिक्स के डिक्लेरेशन में ब्राजील, भारत और साउथ अफ्रीका की यूएनएसी में स्थायी सदस्यता देने की मांग की गई है। सम्मेलन के बाद मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से भी बातचीत भी की।



मोदी के संबोधन की 4 बड़ी बातें




  • जब हम ग्लोबल साउथ का प्रयोग करते हैं तो ये केवल डिप्लोमेटिक शब्द है। हमने भेदभाव का मिलकर विरोध किया है। महात्मा गांधी ने साउथ अफ्रीका में ही अश्वेतों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने नेल्सन मंडेला को प्रेरित किया। 


  • भारत ने अफ्रीका के साथ संबंधों को सदैव प्राथमिकता दी है। 16 नए दूतावास भी खोले हैं। यह चौथा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। एजेंडा-2063 के तहत अफ्रीका को दुनिया का ग्लोबल पावर हाउस बनाने में भारत साझेदार है।

  • चंद्रयान-3 की सफलता पर हमें बधाइयां मिल रही हैं। इसे किसी एक देश की सफलता नहीं, बल्कि मानवता की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है और देखा भी जाना चाहिए।

  • आतंकवाद से लड़ाई में हम अफ्रीकी देशों के साथ हैं। कोविड में हमने अफ्रीकी देशों को वैक्सीन और खाद्य पदार्थ दिए। भारत दुनिया के सभी देशों को परिवार के रूप में देखता है और आगे भी देखता रहेगा।



  • चीन के राष्ट्रपति बोले- ब्रिक्स में नए सदस्यों का जुड़ना ऐतिहासिक



    चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि ब्रिक्स के सभी देश बड़ी अहमियत रखते हैं। संगठन में नए सदस्यों का जुड़ना ऐतिहासिक कदम है। ये ब्रिक्स के लिए नई शुरुआत है। इस संगठन का भविष्य उज्ज्वल है। मुझे पूरा भरोसा है कि जब तक हम एक मकसद से आगे बढ़ेंगे, तो बेहतर काम कर पाएंगे।



    संगठन की करेंसी पर अगले साल की जाएगी चर्चा



    रामाफोसा ने बताया है कि डॉलर को चुनौती देने के लिए संगठन की करेंसी पर सभी देशों के रिजर्व बैंक और फाइनेंस मिनिस्टर्स से बात करने को कहा गया। इसे लेकर अगले साल बातचीत होगी। संगठन के सदस्यों ने बातचीत के बाद विभिन्न मुद्दों को लेकर जोहान्सबर्ग डिक्लेरेशन एडॉप्ट किया है। रामाफोसा ने कहा- हमने ब्रिक्स की स्थापना के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाया है, वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ब्रिक्स के लिए कॉमन करेंसी होने की बात कही है।



    चंद्रयान-3 पर ब्रिक्स में मिलीं बधाइयां, मोदी ने जताया आभार



    चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद ब्रिक्स में डिनर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देने वाले नेताओं का तांता लग गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बड़ी गर्मजोशी के साथ मोदी को बधाई दी। ब्रिक्स का नया सदस्य बनने वाले सऊदी के विदेश मंत्री फैजल बिन फरहान अल सऊद ने भी मोदी से मिलकर खुशी जाहिर की। मोदी ने सभी का आभार जताया। 



    देर रात दक्षिण अफ्रीका से ग्रीस के लिए रवाना हुए मोदी



    दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन के बाद अपने ग्रीक समकक्ष क्यारीकोस मित्सोटाकिस के निमंत्रण पर पीएम मोदी गुरुवार देर रात ग्रीस की यात्रा पर रवाना हो गए । प्रधानमंत्री मोदी को विदा करने के लिए जोहान्सबर्ग हवाई अड्डे पर एकत्र हुए प्रवासी भारतीयों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया ।



    ग्रीस के राष्ट्रपति और पीएम से करेंगे मुलाकात



    मालूम हो, मोदी ग्रीस में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे, वहीं अपनी ग्रीस यात्रा के दौरान वहां पहुंचने पर औपचारिक रूप से स्वागत किया जाएगा और वह ग्रीस के राष्ट्रपति के साथ बैठक भी करेंगे। मोदी अपनी यात्रा के दौरान अपने ग्रीक समकक्ष किरियाकोस मित्सोटाकिस से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी और किरियाकोस मित्सोटाकिस  दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। मोदी ग्रीस में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे। 



    40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ग्रीस की पहली यात्रा 



    विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, दक्षिण अफ्रीका की अपनी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस के निमंत्रण पर 25 अगस्त 2023 को ग्रीस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ग्रीस की पहली यात्रा होगी।


    एलएसी पर तनाव कम करने पर बात मोदी-जिनपिंग की मुलाकात मोदी ग्रीस रवाना प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका में talk on reducing tension on LAC 15वां ब्रिक्स सम्मेलन Modi-Jinping meeting Modi leaves for Greece Prime Minister in South Africa 15th BRICS summit
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