अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका में काफी उतल-पुथल मची हुई है. श्रीलंका में भारी हिंसा, विरोध प्रदर्शन और राजनीति के बाद 73 साल के रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के 26वें प्रधानमंत्री बने। विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा कि वह भारत के साथ बहुत बेहतर संबंध होने की आशा करते हैं। उन्होंने आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका की वित्तीय मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया।
पूर्व PM समेत 7 की गिरफ्तारी की मांग
श्रीलंका में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर किए गए हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की गई है। इसको लेकर एक व्यक्तिगत शिकायत कोलंबो मजिस्ट्रेट की अदालत में दर्ज कराई गई है। इसमें महिंदा राजपक्षे समेत 7 लोगों को गिरफ्तार करने के लिए CID को निर्देश देने की मांग की गई है। पहले भी विपक्षी नेताओं ने महिंदा राजपक्षे पर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरुद्ध हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था। इस हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
5 बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे
73 साल के रानिल को देश का सबसे अच्छा पॉलिटिकल एडमिनिस्ट्रेटर और अमेरिका समर्थक माना जाता है। वह पहले भी 5 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 1993 में पहली बार 44 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमसिंघे अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।
तंगी का बड़ा कारण
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा रोल है, लेकिन कोरोना की मार से यह पहले ही ठप पड़ा है। टूरिज्म देश के लिए फॉरेन करेंसी का तीसरा बड़ा सोर्स है। इसके कमजोर पड़ने से देश का विदेश मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है।