International Desk. कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ से 1 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए घुटने पर बैठने वाली स्थिति अपना ली है। पाकिस्तान जल्द ही आईएमएफ की एक और शर्त मानने जा रहा है। न्यूज एजेंसी रायटर्स की मानें तो पाकिस्तान का सेंट्रल बैंक जल्द ही अपनी ब्याज दरों में 200 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकता है। कर्ज पाने के लिए पाकिस्तान ने ब्याज दर बढ़ाए जाने पर सहमति बना ली है। इस मामले में फैसला अब 2 मार्च को आ सकता है।
200 बीपीएस की हो सकती है बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बैठक में पाकिस्तान सेंट्रल बैंक 200 बेसिस प्वाइंट का इजाफा ब्याज दरों में कर सकता है। वहीं कुछ का मानना है कि नीतिगत ब्याज दरें 250 बीपीएस तक बढ़ाई जा सकती हैं। बता दें कि जनवरी 2023 से अब तक ब्याज दरों में 725 बीपीएस की बढ़ोतरी पाक कर चुका है।
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बढ़ती जा रही महंगाई
इससे पहले जनवरी में हुए बैठक में पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक ने अपनी ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद यह दरें 17 फीसदी तक पहुंच गई है, पाकिस्तान का सेंट्रल बैंक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक लगातार कम करने जद्दोजहद कर रहा है। जनवरी में देश की महंगाई दर 27.5 फीसदी थी जो फरवरी में बढ़कर 29 से 30 फीसदी तक पहुंच गई है। ऐसे में देश में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए एसबीपी अपने मौद्रिक नीति को और सख्त कर सकता है।
कर्ज के लिए हर शर्त कबूल है
बता दें कि 6.5 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का एक हिस्सा 1.1 बिलियन डॉलर प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान लगातार कोशिश कर रहा है। ध्यान देने वाली बात ये है कि आईएमएफ का पैकेज प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने पिछले कुछ दिनों टैक्स में बढ़ोतरी, सब्सिडी में कटौती जैसे कई कड़े कदम उठाए हैं।