इंटरनेशनल न्यूज. पाकिस्तान के पेशावर शहर में 30 जनवरी, सोमवार को पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद में फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले की वजह से 31 जनवरी, मंगलवार की सुबह तक कई पुलिसकर्मियों सहित 83 की मौत हो गई। वहीं 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से 47 की हालत गंभीर है। ब्लास्ट इतना ताकतवर था कि करीब दो किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी। मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था। इमाम नूर-अल अमीन की भी मौत हो गई। पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने जिम्मेदारी ली
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आर्मी ने इलाके को घेर लिया। इसके करीब ही आर्मी की एक यूनिट का ऑफिस भी है। इलाके में टीटीपी का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने हमले की धमकी भी दी थी।
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लेडी हार्डिंग अस्पताल ने की ब्लड डोनेशन की अपील
सभी घायलों का इलाज पेशावर के लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया- आम लोग जितना हो सके, उतनी जल्दी ब्लड डोनेट करने अस्पताल पहुंचें। मिलिट्री डॉक्टरों का एक दल भी अस्पताल पहुंचा।
मस्जिद में घुसे पेशावर के एसपी और हुआ धमाका
पेशावर के एसपी (जांच) शहजाद कौकब ने कहा कि वो जैसे ही मस्जिद में घुसे जोरदार धमाका हुआ और मस्जिद का एक हिस्सा टूट गया। उन्होंने कहा कि वे खुदा की रहमत से इस घटना में बच गए। शहजाद कौकब का ऑफिस मस्जिद के करीब ही है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मस्जिद का एक हिस्सा धंस गया है और कुछ लोगों के मलबे के अंदर होने की आशंका है। पाकिस्तान की एजेंसियां अभी राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। बचाव अभियान के इंचार्ज बिलाल फैजी ने बताया, हम अभी बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने की है।
ब्लास्ट साइट के नजदीक ही पेशावर है पुलिस का मुख्यालय
इस हमले में पाकिस्तान में कितनी बड़ी सुरक्षा चूक हुई है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लास्ट साइट के नजदीक ही पेशावर पुलिस का मुख्यालय है। आतंकवाद रोधी विभाग का दफ्तर भी यही है। इसके अलावा फ्रंटियर रिजर्व पुलिस और एलीट फोर्स, टेलिकॉम डिपार्टमेंट का दफ्तर भी इसी मस्जिद के आस-पास है।
4 लेयर की सुरक्षा तोड़कर घुसा हमलावर
इतने वीवीआईपी इलाके में ये हमलावर किस तरह घुसा ये बड़ा सवाल है। इसके अलावा मस्जिद में एंट्री के लिए भी चार लेयर की सुरक्षा थी। बावजूद इसके सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देकर बॉम्बर वहां तक पंहुचने में सफल रहा। पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर मुहम्मद इजाज खान के हवाले से कहा है कि कई जवान भी अभी मलबे के नीचे हैं, उन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है। मुहम्मद इजाज खान ने कहा कि जब धमाका हुआ तो उस समय इलाके में 300 से 400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। साथ ही है कि सुरक्षाकर्मियों की ओर से बड़ी चूक हुई है।