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इंटरनेशनल डेस्क. अफगानिस्तान में सत्ताधारी तालिबान ने हमेशा लड़कियों की शिक्षा का विरोध किया है। इसके चलते अफगानिस्तान में स्कूल जाने वाली लड़कियों को अब निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को जहर देने की खबर सामने आई है। अमेरिकी एक न्यूज चैनल के मुताबिक, उत्तरी अफगानिस्तान में दो अलग-अलग घटनाओं में प्राथमिक स्कूलों की 80 अफगान लड़कियों को जहर दे दिया गया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली घटना
अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में दो अलग-अलग मामलों में प्राइमरी स्कूल की 80 लड़कियों को जहर दे दिया गया। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके के शिक्षा अधिकारी ने रविवार (4 मई) को यह जानकारी दी। अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद ये पहला ऐसा मामला है। तालिबान पहले ही देश में लड़कियों के छठी कक्षा से आगे पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा चुका है। जिन स्कूलों में लड़कियों को जहर दिया गया है वह अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में हैं। दोनों स्कूल आसपास बताए जा रहे हैं। एक के बाद एक इन स्कूलों को निशाना बनाया गया।
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बच्चियों को साजिश के तहत जहर दिया
सर-ए-पुल के एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि वो मामले की जांच कर रहे हैं। अभी ये नहीं पता चल पाया है कि लड़कियों को जहर कैसे दिया गया। शुरुआती जांच से ये किसी की साजिश लग रही है। किसी ने थर्ड पार्टी के जरिए इन लड़कियों को जहर दिलाया है। जिन लड़कियों को जहर दिया गया वो एक से छठी क्लास की बताई जा रही हैं।
2015 में हुई थी ऐसी ही घटना
अफगानिस्तान में 2015 में भी ऐसी घटना हुई थी। तब हेरात प्रांत में स्कूल की 600 बच्चियों को जहर दिया गया था। तब भी किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी। हालांकि उस समय कई मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान को घटना का जिम्मेदार ठहराया था।
तालिबान चाहता है दुनिया उसे मान्यता दे
घटना तब हुई है जब 4 दिन पहले अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने दुनिया के तमाम देशों से उसे मान्यता देने की बात कही है। इसी सिलसिले में बातचीत के लिए कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन थानी 12 मई को अफगानिस्तान के कंधार गए थे। थानी ने अफगान तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबुतुल्लाह अखुंदजादा से कंधार में सीक्रेट मीटिंग की थी। इसकी जानकारी बुधवार (31 मई) को सामने आई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक- थानी ने अखुंदजादा से साफ कहा कि अगर वो चाहते हैं कि दुनिया तालिबान हुकूमत और अफगान सरकार को मान्यता दे तो उन्हें महिलाओं को उनके अधिकार देने होंगे। इसी मसले पर बातचीत अटक गई।
मार्च में ईरान में भी हुई थी ऐसी घटना
इसी साल मार्च में ईरान में भी ऐसी घटना हुई थी। ईरान में छात्राओं को पढ़ने से रोकने के लिए जहर दिया गया था। इस बात का खुलासा डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर यूनुस पनाही ने किया था। उन्होंने कहा था- घोम शहर में नवंबर 2022 के बाद से रेस्पिरेटरी पॉइजनिंग के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। उनका कहना था कि स्कूलों में पानी को दूषित किया जा रहा है, जिससे छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। इनमें उल्टी, जबर्दस्त बॉडी पेन और दिमागी दिक्कत शामिल है। उनकी हालत इतनी बिगड़ रही है कि इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।