''पुतिन का अजेय होने का भ्रम हुआ दूर, चखा डर का असली स्वाद'', दिग्गज रूसी ग्रैंडमास्टर कास्परोव बोले- रूस माफिया देश में बदल गया

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BP Shrivastava
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''पुतिन का अजेय होने का भ्रम हुआ दूर, चखा डर का असली स्वाद'', दिग्गज रूसी ग्रैंडमास्टर कास्परोव बोले- रूस माफिया देश में बदल गया

इंटरनेशनल न्यूज. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भले ही वैगनर ग्रुप के विद्रोह को समझौता कराकर खत्म कर दिया है, लेकिन इससे उनकी छवि भी काफी प्रभावित हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अक्सर अपने ही देश में पुतिन के खिलाफ आवाज उठती रही है और अब येवगेनी की बगावत को लेकर दिग्गज शतरंज खिलाड़ी (ग्रैंडमास्टर) रहे पूर्व विश्व चैंपियन गैरी कास्परोव ने भी पुतिन को निशाने पर लिया है। कास्परोव दो टूक कहा है कि पुतिन का अजेय होने का भ्रम दूर हो गया है।





गैरी कास्परोव का ट्वीट





कास्परोव ने ट्वीट करते हुए कहा कि रूस लंबे समय से एक माफिया देश में बदल गया है और वर्षों पहले रूस का पतन हो गया था। उन्होंने कहा, 'माफिया वैसा ही है जैसा माफिया करता है। आज जो भी समझौता हुआ, उसमें खून-खराबा हो चुका है और पुतिन का अजेय होने का भ्रम दूर हो गया है। उन्होंने और उनके साथियों ने डर क्या होता है, इसे महसूस किया है। मास्को को धमकी दी गई।' 





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पुतिन के खिलाफ पहले भी किए थे ट्वीट





इससे पहले शनिवार (24 जून) को जब येवगेनी ने बगावत की तो कास्परोव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैंने कहा था कि रूस में कोई राजनीतिक आदेश लागू नहीं होता है और यूक्रेन में मिली पूर्ण विफलता ने इसे उजागर कर दिया है। अब कौन किसके आदेशों का पालन करेगा? यदि प्रिगोझिन अभी भी जीवित है और 24 घंटों से खुली हवा में सांस ले रहे हैं तो हकीकत ये होगी कि हम एक नए दौर में प्रवेश कर चुके होंगे।





'असफलता हमेशा अनाथ होती है... बलि का बकरा ढूंढ लिया जाएगा'





गैरी कास्परोव ने कहा, 'जैसे-जैसे यूक्रेन की युद्धक्षेत्र में सफलताएं बढ़ रही हैं, रूस में बेचैनी बढ़ती जा रही है। असफलता हमेशा अनाथ होती है... बलि का बकरा ढूंढ लिया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी, लेकिन अंततः जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।' यह पहली बार नहीं है जब कास्परोव ने पुतिन की खुलकर आलोचना की हो, वह कई मौकों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े कर चुके हैं।





येवगेनी और रूस के बीच क्या हुआ समझौता





आपको बता दें कि यूक्रेन युद्ध के दौरान येवगेनी प्रिगोझिन ने आरोप लगाया था कि रूस ने वैगनर समूह के लड़ाकों पर हमला किया था इसके लिए उन्होंने रूसी सैन्य नेतृत्व की आलोचना की थी। येवगेनी प्रिगोझिन को पुतिन के विश्वासपात्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन जैसे ही शनिवार (24 जून) को येवगेनी ने बगावत की तो पुतिन भड़क गए। बेलारूस की मध्यस्तता के बाद आखिर समझौता हुआ और बगावत खत्म हुई। समझौते में तय हुआ कि बागी सैनिकों के खिलाफ रूस एक्शन नहीं लेगा और येवगेनी बेलारूस में रहेंगे। 





पुतिन के आलोचक माने जाते हैं कास्परोव





चेस चैंपियन गैरी कास्परोव लोकतंत्र के हिमायती रहे हैं और पुतिन के आलोचक माने जाते हैं। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि अब बात करने का कोई मतलब नहीं है। सभी पश्चिमी देशों को साथ आकर पुतिन से लड़ना और यूक्रेन का साथ देना होगा। गैरी ने 2014 में जान का खतरा पाकर रूस छोड़ दिया था। वह क्रोएशिया में रहते हैं।  





कौन हैं कास्परोव





शतरंज की दुनिया के बेताज बादशाह रहे कास्परोव रिकॉर्ड 20 साल तक दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रहे। कास्पारोव के नाम लगातार सबसे अधिक पेशेवर टूर्नामेंट (15) और शतरंज ऑस्कर (11) जीतने का रिकॉर्ड भी है। कास्परोव 1985 में 22 साल की उम्र में तत्कालीन चैंपियन अनातोली कारपोव को हराकर सबसे कम उम्र के निर्विवाद विश्व चैंपियन बने। शतरंज से संन्यास लेने के बाद से उन्होंने अपना समय लेखन और राजनीति को समर्पित कर दिया। पुतिन के कट्टर और मुखर विरोधी रहे यूनाइटेड सिविल फ्रंट के संस्थापक भी हैं। कास्परोव को रूस में कई बार गिरफ्तार किया गया है। 2014 में उत्पीड़न के डर का हवाला देते हुए वह रूस से चले गए और क्रोएशियाई नागरिकता प्राप्त कर ली।



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