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इंटरनेशनल न्यूज. भारत में रेप के आरोपों का सामने कर रहे भगोड़े नित्यानंद की प्रतिनिधि विजयप्रिया संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुई थीं। इस मामले की फोटो वायरल होने के बाद मामला गर्मा गया था। लेकिन अब नित्यानंद की प्रतिनिधि के यूएन में पहुंचने पर संयुक्त राष्ट्र का जवाब आया है। यूएन ने कहा नित्यानंद की प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो बयान दिया है, उस पर बिल्कुल विचार नहीं किया जाएगा।
दो पब्लिक मीटिंग्स में लिया था हिस्सा
ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने बताया कि कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी महीने में जिनेवा में यूएन की दो पब्लिक मीटिंग्स में हिस्सा लिया था। इनमें से एक एलिमिनेशन ऑफ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट वीमेन (CEDAW) की बैठक 22 फरवरी को हुई थी जबकि दूसरी बैठक 24 फरवरी को हुई थी, जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को लेकर थी, जिसका आयोजन यूएन के सीईएससीआर ने किया था।
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प्रचार सामग्री बांटने से रोक दिया गया था
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता ने बताया कि यूएन के मंच पर कैलासा के सदस्यों को उनकी प्रचार सामग्री बांटने से भी रोक दिया गया था। नित्यानंद की प्रतिनिधि जिस प्रोपेगेंडा के साथ यूएन के मंच पर पहुंची थी, इससे उन्हें करारा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार भगोड़े नित्यानंद ने संयुक्त राष्ट्र के मंच तक पहुंचने में एनजीओ के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था।
विजयप्रिया ने यह दिया था बयान
विजयप्रिया ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कहा था कि नित्यानंद को अपने देश में उपदेश देने और वापस आने नहीं दिया जा रहा है, लेकिन अब दुनिया के सामने भगोड़े नित्यानंद का यह प्रोपेगेंडा फेल हो गया है। बता दें कि नित्यानंद 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' नाम से एक नया देश बनाने का दावा करता है. जहां कथित रूप से हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जीवन जीया जाता है. अब नित्यानंद ने अपने देश के एक प्रतिनिधिमंडल को एक महिला की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भेजने का दावा किया है।