इंटरनेशनल न्यूज. आने वाले 12 सालों में दुनिया की लगभग आधी आबादी मोटापे का शिकार होगी। ये समस्या ज्यादातर कम आय वाले देशों में बढ़ेगी। इसकी चपेट में आने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की होंगी। यह खुलासा वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2020 की तुलना में 2035 तक मोटापे से परेशान बच्चों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी। आने वाले 15 सालों में 18 साल से कम उम्र के 20.8 करोड़ लड़के और लगभग 17.5 करोड़ लड़कियां मोटापे का शिकार होंगी।
वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की प्रेसिडेंट ने कहा- समस्या पर विराम जरूरी
फेडरेशन ने दावा किया है कि बढ़ते मोटापे के कारण लोगों में परेशानियां भी बढ़ेगी। जिसे ठीक करने में साल 2035 तक दुनिया को 4000 अरब डॉलर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। यह दुनिया के सभी देशों को मिलाकर कुल जीडीपी की तीन फीसदी रकम है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की प्रेसिडेंट लुइजे बावर ने बताया कि सभी देशों के सरकारों को बुरे से बदतर होती स्थित को रोकने के लिए जल्द से जल्द कोई जरूरी कदम उठाने होंगे। देशों के सरकारों को युवा पीढ़ी के सेहत, और इसके साथ ही सामाजिक और आर्थिक बोझ को टालने के लिए अभी से ही हर संभव कोशिश करनी होगी।
ये भी पढ़ें...
मोटापे पर काम करता है वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन
वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन एक ऐसा संगठन है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और विभिन्न वैश्विक एजेंसियों के साथ मिलकर मोटापे पर काम करता है। यूके में इसके सदस्यों में एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ओबेसिटी शामिल है।
1975 के बाद से दुनिया में मोटापा तीन गुना बढ़ा
विश्व स्वस्थ्य संगनठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 1975 के बाद से दुनिया में मोटापा तीन गुना बढ़ गया है। वहीं इंडियन जनरल कम्युनिटी मेडिसन की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में सिर्फ भारत में ही 135 मिलियन लोग मोटापे की परेशानी से जूझ रहे हैं। भारत में बचपन के मोटापे में 2035 तक 9.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में लगभग 11 प्रतिशत लोग 2035 तक मोटे होंगे। 2020 और 2035 के बीच वयस्क मोटापे में वार्षिक वृद्धि 5.2 प्रतिशत होगी।
मोटा होना और ओवरवेट होना दोनों ही अलग-अलग हैं
डॉक्टर्स बताते है कि मोटा होना और ओवरवेट होना दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं। ऐसा जरूरी नहीं कि आप ओवरवेट हैं तो मोटे भी हों। दोनों के बीच के अंतर को आसान भाषा में समझाएं तो अगर आपकी बॉडी मास इंडेक्स यानी (बीएमआई) 19 से 24.9 के बीच है आतोप नॉर्मल रेंज में आते हैं। लेकिन वहीं बॉडी मास इंडेक्स यानी 25 से 29.9 के हो तो आप ओवरवेट की कैटेगरी में आ जाते हैं। अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स 30 से ऊपर हो तो वह व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त माना जाता है।