International Desk. फ्रांस में ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक 17 साल के नवयुवक को गोली मारे जाने के बाद दंगे भड़के हुए हैं। बीते 5 दिनों से फ्रांस में हिंसा का दौर जारी है। वहीं फ्रांस के इन हालातों को देख इजराइल के पसीने छूट रहे हैं। दरअसल इजराइल सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों के विरोध में वहां की जनता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। इजराइल को यह डर है कि यदि जनता ने फ्रांस की तरह हिंसात्मक रुख अपना लिया तो उसकी पुलिस और सुरक्षा बल इस स्थिति से कैसे निपट पाएंगे।
कड़ी निगाह रख रहा इजराइल
फ्रांस के हालातों पर इजराइल की पैनी नजर है, टाइम्स ऑफ इजराइल ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है, जिसके मुताबिक इजराइल की पुलिस और इंटेलिजेंस फ्रांस के दंगों पर निगाह बनाए हुए हैं बल्कि दंगों के तमाम फुटेज भी इकट्ठा किए गए हैं। इन वीडियो का विश्लेषण दंगाविरोधी रणनीति बनाने में किया जा रहा है।
इस वजह से इजराइल को है डर
असल में इजराइल के गृह मंत्रालय को अंदेशा है कि गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक क्षेत्र में पुलिस और अरब मूल के लोगों में झड़पें होना आम बात है। लेकिन वर्तमान हालात में यह झड़पें फ्रांस के दंगों का रूप ले सकती हैं। इसलिए फ्रांस की पुलिस दंगाइयों से किस प्रकार निपट रही है, साथ ही उसकी रणनीति में जो कमियां हैं, उन्हें बारीकी से मॉनीटर किया जा रहा है, ताकि विषम परिस्थितियों में इजराइल पुलिस वह गलतियां न करे।
यह हुआ था फ्रांस में
बता दें कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में सबअर्बन एरिया के नेन्तेरे में एक 17 वर्षीय नवयुवक को पुलिस ने यातायात नियम तोड़ने पर गोली मार दी थी। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद भड़की हिंसा 5 दिनों से जारी है। पुलिस दंगा फैलाने के आरोप में 1700 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। फ्रांस की इंटीरियर मिनिस्ट्री के मुताबिक- 40 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अब तक 1700 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से ज्यादातर प्रदर्शनकारी टीनएजर्स हैं जिनकी उम्र 14 से 18 साल है।