NEW DELHI. एनडीटीवी से रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। 29 नवंबर को प्रणय रॉय और उनकी पत्नी ने मीडिया हाउस को अलविदा कहा था। रवीश कुमार ने चैनल के लिए कई कार्यक्रम होस्ट किए हैं, इनमें- हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम आदि शामिल हैं। गौतम अडानी ने कंपनी के शेयर खरीदे थे। तभी से एनडीटीवी मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अडानी ग्रुप के एनडीटीवी खरीदने के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि अब रवीश कुमार एनडीटीवी छोड़ देंगे।
इस्तीफा हुआ मंजूर
रवीश कुमार के जाने की घोषणा करते हुए, चैनल ने एक आंतरिक मेल में कहा कि उनका इस्तीफा तत्काल से प्रभावी है। यानी अब रवीश कुमार एनडीटीवी के लिए शो करते हुए नजर नहीं आएंगे। रवीश कुमार को उनकी पत्रकारिता के लिए दो बार रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड और 2019 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा कि कुछ ही पत्रकार ऐसे हैं, जिन्होंने रवीश जितना प्रभाव लोगों पर छोड़ा। उनके बारे में लोगों की प्रतिक्रियाओं की ढेर में; भीड़ में जो उनके लिए जुट जाती है, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में; और अपनी दैनिक रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित है, में यह साफ झलकता है।
अडानी समूह की हुई अचानक एंट्री से बिगड़ी बात
23 अगस्त को अडानी समूह की सहायक कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने वीसीपीएल को 113.75 करोड़ रुपए में खरीद लिया। तब तक एनडीटीवी ने वीसीपीएल का कर्ज नहीं चुकाया था। एनडीटीवी लिमिटेड ने तब स्टॉक एक्सचेंजों से कहा था कि एनडीटीवी या इसके संस्थापक-प्रमोटरों के साथ किसी भी चर्चा के बिना सीपीएल नोटिस दिया गया था। एनडीटीवी में रॉय परिवार की 32.36% हिस्सेदारी है। प्रणय रॉय की हिस्सेदारी 15.94% है, जबकि राधिका रॉय की 16.32% हिस्सेदारी है। अगर अडानी अपने ओपन ऑफर से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी और खरीद लेता है, तो एनडीटीवी में उसकी कुल हिस्सेदारी 55.18 प्रतिशत हो जाएगी।