International Desk. दुनिया के इतिहास में पहली बार किसी दूसरे ग्रह से धरती पर भेजे गए सिग्नल्स को रिसीव करने में कामयाबी हासिल हो गई है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर से यह संदेश पृथ्वी पर भेजा गया, जिसे 16 मिनिट में रिसीव किया गया है। जानकारी के मुताबिक 24 मई को रात 9 बजे यह संदेश ऑर्बिटर से भेजा गया जिसे 16 मिनट बाद पृथ्वी पर रिसीव किया गया।
एलियंस के सिग्नल रिसीव करने किया प्रयोग
यह सिग्नल मंगल ग्रह के ऑर्बिट में चक्कर लगा रहे टीजीओ के जरिए भेजे गए थे। यह प्रयोग ए साइन इन स्पेस प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद यह है कि कि यदि किसी दूसरे ग्रह या एलियंस की ओर से हमारी पृथ्वी पर कोई सिग्नल भेजा जाएगा तो क्या हम उसे रिसीव कर पाएंगे।
- यह भी पढ़ें
4 जगहों पर रिसीव हुआ सिग्नल
दरअसल मार्स से ऑर्बिटर के जरिए भेजे गए सिग्नल वर्जीनिया के ग्रीन बैंक टेलीस्कोप, इटली के मेडिसिना रेडयो एस्ट्रोनॉमिकल स्टेशन, कैलिफोर्निया के एलन टेलीस्कोप ऐरे और मैक्सिको के वेरी लार्ज ऐरे द्वारा रिसीव किए गए। वहीं इस प्रोजेक्ट के चीफ डेनिएला डी पॉलिस ने कहा है कि हमने हमेशा शक्तिशाली और परिवर्तनकारी घटनाओं का मतलब ढूंढने की कोशिश की है। एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल सिविलाइजेशन (एलियन्स) से सिग्नल या मैसेज मिलना पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव होगा।
सिग्नल डीकोड होना अभी बाकी है
हालांकि अभी तक यह तो नहीं बताया गया है कि सिग्नल में क्या लिखा है। लेकिन साइंटिस्ट अपनी टीमों के साथ मिलकर इस सिग्नल को डीकोड करने का प्रयास कर रहे हैं। डीकोडिंग की प्रक्रिया से यह पता लगाया जाएगा कि आखिर पृथ्वी पर भेजे गए सिग्नल या मैसेज में क्या लिखा है। फिलहाल विज्ञानियों ने लोगों से भी इसे डीकोड करने में मदद मांगी है।