STOCKHOLM. स्वीडन में ईदुज्जहा (बकरीद) के मौके पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया। इसके लिए उसे सरकार से परमिशन मिली थी। सीएनएन के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था।
रॉयटर्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया। प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में तो कुछ विरोध में नारे लगाते दिखे। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
तुर्किए बोला- अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इस्लामोफोबिया फैला रहे
स्वीडन में कुरान जलाने पर तुर्किए ने विरोध जताया है। तुर्किए के विदेश मंत्रालय ने इसे जघन्य अपराध बताया। विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट किया- अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश NATO में शामिल होकर हमारा साथी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे आतंकियों को काबू में करना होगा।
स्वीडन के प्रधानमंत्री बोले- कार्रवाई पर फैसला पुलिस लेगी
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा- मैं इस बात पर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता कि इस प्रदर्शन का हमारी संभावित NATO मेंबरशिप पर क्या असर पड़ेगा। इस तरह का विरोध प्रदर्शन कानून के दायरे में आता है, लेकिन फिर भी ये सही नहीं है। मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी, ये पुलिस ही तय करेगी। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ एक धर्म को टारगेट करने का केस दर्ज किया है।