काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ रहा है। लड़ाके लड़कियों को जींस पहनने पर मार रहे है। वहीं बुर्के के दामों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई।
पत्रकारों की भी पिटाई
द टैलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में महिलाओं के बुर्के (Burqa) पहने ज्यादा जोर दिया जा रहा है। उनके मुताबिक कुछ वक्त पहले एक रिपोटर को अफगानी पोशाक (Afghani dress) न पहने की वजह से पीटा गया।
सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द
90 के दशक से महिलाओं और पुरुषों को पारंपरिक कपड़े (Traditional cloth) पहने की इजाजत थी। आठ साल की बच्चियों को बुर्के (Burqa) पहना जरूरी है। तालिबान मानता है कि जींस (Jeans ) पश्चिमी सभ्यता (western culture) की पहचान है। कई युवाओं ने सोशल मीडिया (Social media) पर अपना दर्द बयां किया। लोगों ने बताया कि तालिबान जींस पहने पर बंदूक की नोक पर पीट रहा है।
बूट, जींस टोपी के साथ लड़ाके
रिपोर्ट के अनुसार तालिबान पुरुषों के लिए भी ड्रेस कोड जारी करने वाला है। इसमें जींस को मान्यता नहीं दी जाएगी। हालांकि खुद लड़ाके बूट,जींस,टोपी और चश्में पहने दिख रहे है।