पुनीत पांडेय, NEW DELHI. भारत में ज्यादातर लोग जहां मोबाइल की स्पीड और नेटवर्क से परेशान रहते हैं और कुछ सुनवाई नहीं होती है, वहीं दक्षिण कोरिया में इसको लेकर मोबाइल कंपिनयों पर बहुत बड़ा जुर्माना ठोक दिया गया है। हुआ यह था कि दक्षिण कोरिया में 5 जी नटवर्क को लेकर अल्ट्रा फास्ट स्पीड के दावे कंपिनयों ने किए थे। जो देश के रेग्युलर फेयर ट्रेड कमीशन की जांच में गलत निकले। इसके बाद कंपिनयों पर 209 करोड़ रुपए (2 अरब रुपए से ज्यादा) का जुर्माना ठोक दिया गया।
कंपनियों ने नेटवर्क स्पीड के बढ़ा चढ़ाकर बताई थी
द. कोरिया के मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार मोबाइल रेग्यूलेटरी बॉडी फेयर ट्रेड कमीशन ने कंपनियों पर यह जुर्माना लगाया है। यहां की एसके टेलिकॉम, केटी और एलजी यूप्लस ने अपने विज्ञापनों में नेटवर्क की स्पीड के बारे में बहुत ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दावा किया था।
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क्या बताई थी स्पीड और कितनी निकली
द. कोरिया के 5 जी नेटवर्क प्रोवाइडर्स ने 656 से 801 mbps के बीच स्पीड अपने ग्राहकों को दी। जबकि, उन्होंने दावा 20 gbps का किया था। कंपिनयों द्वारा दी जाने वाली स्पीड दावा की गई स्पीड का सिर्फ 3-4 फीसदी थी।
देश के फेयर ट्रेड कमीशन ने एसके टेलीकॉम, केटी और एलजी प्लस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। कमीशन ने कहा कि कंपिनयों ने अपने नेटवर्क की स्पीड को जितना बताया वह सिर्फ सीमित परिस्थितियों में ही पाया जा सकता है। कमीशन ने कहा कि स्पीड का वेरिफाइड टेस्ट किए बिना आपसी कॉम्पिटीशन के चलते कंपनियों ने लोगों को गुमराह किया है।
किस पर कितना जुर्माना
कमीशन ने एसके टेलिकॉम, केटी और एलजी यू प्लस पर करीब 209 करोड जुर्माना लगाया है। एसके के पास देश का 47.5, केटी के पास 30 और एलजी यूप्लस के पास 21.5 फीसदी हिस्सा है। उनके हिस्से के हिसाब से देखें तो एसके पर 105 करोड़ रुपए, केटी पर 87 करोड़ रुपए और एलजी यूप्लस पर करीब 17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है।