ANKARA/DAMASCUS. तुर्किए-सीरिया में आए भीषण भूकंप से अब तक 37 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, तुर्किए में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इंडियन आर्मी के अस्पताल में भी दरारें पड़ गई हैं। कुछ और जगहों से भी नुकसान की खबरें आ रही हैं। इस समय सावधानी बरतते हुए भारतीय सेना के जवान भी बिल्डिंग की जगह टेंट में रह रहे हैं। लोगों से भी यहीं अपील की जा रही है। 6 फरवरी को आए भूकंप में तुर्किए और सीरिया में भारी तबाही हुई है।
तुर्किए को तो मदद मिल रही, सीरिया के हालात खराब
सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद ने तुर्किए के साथ लगी 2 और बॉर्डर क्रॉसिंग खोलने का ऐलान किया है। इसके जरिए UN भूकंप से जुड़ी राहत सामग्री सीरिया भेज पाएगा। अगले 3 महीने तक देशवासियों की मदद के लिए ये सीमाएं खुली रहेंगी। 2011 में सीरिया में शुरू हुए सिविल वॉर के बाद पहली बार ये सीमाएं खोली गई हैं। 13 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा था कि त्रासदी से उत्तर-पश्चिमी सीरिया में लोगों की मदद करने में पूरी दुनिया नाकामयाब रही। इस इलाके पर विद्रोहियों का कब्जा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सीरिया में 53 लाख लोग बेघर हो सकते हैं। वहीं तुर्किए के एक बिजनेस ग्रुप के मुताबिक, त्रासदी से देश पर 84 बिलियन डॉलर यानी 6946 अरब रुपए भार आ सकता है। इसमें 70.8 बिलियन डॉलर इमारतों की मरम्मत में लगेंगे। सरकार को 10.4 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा।
हजारों लोग सड़क पर भटक रहे
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तुर्किए की सड़कों पर कई लोगों से बात की। इस दौरान लोगों ने प्रशासन और व्यवस्था को लकर नाराजगी जताई। लोगों ने आपदा क्षेत्र में पानी, भोजन, दवा, बॉडी बैग और क्रेन की कमी की शिकायत की। हजारों लोग सड़क पर इधर-उधर भटक रहे हैं।
तुर्किए में 113 बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर्स गिरफ्तार
तुर्किए में भूकंप से प्रभावित शहरों में बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर्स के खिलाफ जांच की गई। इसके बाद 113 बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर्स को गिरफ्तार किया गया। भूकंप से कई इमारतें भरभराकर ढह गईं थीं और हजारों लोगों ने जान गंवाई।
भूकंप के 5 झटकों से दहला था तुर्किए
तुर्किए में 6 फरवरी भूकंप का पहला झटका सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। भूकंप का एपी सेंटर दक्षिणी तुर्किए का गाजियांटेप था। इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.5 थी। भूकंप के झटकों का ये दौर यहीं नहीं रुका। इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा। इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर समेत 11 प्रांतों में तबाही मचा दी। इसी दिन शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया। बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई। इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम साढ़े 5 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था।
1999 में भूकंप से हुई थी 18 हजार लोगों की मौत
तुर्किए की भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां पर अक्सर भूकंप आते रहते हैं। 1999 में आए भूकंप में 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई थी।