ANKARA. तुर्किए में 6 फरवरी सुबह 4:17 बजे महाविनाशकारी भूकंप आया। रिक्टर पर इसकी तीव्रता 7.8 थी। यह तुर्की में 100 साल में सबसे तीव्रता वाला भूकंप बताया जा रहा है। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप के बाद 6 फरवरी को 78 झटके आए। इनमें से एक झटका 7.5 तीव्रता का था. जबकि तीन झटकों की तीव्रता 6.0 से ज्यादा थी। थे। भूकंप का केंद्र जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी। भूकंप का केंद्र (एपी सेंटर) गाजियांटेप के पास था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी खासा नुकसान हुआ। तुर्किए की अंदालू न्यूज एजेंसी के मुताबिक, तुर्किए और सीरिया में अब तक 5 हजार से ज्यादा मारे गए हैं। 5,775 बिल्डिंग्स के ध्वस्त होने की सूचना है। तुर्किए में भूकंप के बाद आफ्टर शॉक्स का आना लगातार जारी है। 7 फरवरी को सुबह 8.45 बजे 5.5 तीव्रता का झटका आया। मौतों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। भारत ने भी तुर्किए को मदद भेजी है।
#TurkeyEarthquake | Last night, an Indian Air Force C-17 left for Turkey with search & rescue teams of the National Disaster Response Force (NDRF). This aircraft is part of a larger relief effort that will be undertaken by the IAF along with other Indian organisations: IAF pic.twitter.com/bLbn5SbHcP
— ANI (@ANI) February 7, 2023
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बड़ा दावा किया है। WHO का कहना है कि मौतों का ये आंकड़ा आठ गुना ज्यादा बढ़ सकता है। घायलों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा।
तुर्की-सीरिया को कई देशों ने भेजी मदद
तुर्किए और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के चलते हुए नुकसान पर दुनियाभर से मदद भेजी जा रही है। लॉस एंजिल्स काउंटी फायर डिपार्टमेंट ने 78 सदस्यों की सर्च एंड रेस्क्यू टीम भेजने का ऐलान किया है। यूनिसेफ तुर्किए सरकार और वहां के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन के साथ मानवीय जरूरतों को पूरा करने में जुटा है। साउथ कोरिया ने भी तुर्की के लिए मदद की पेशकश की है। कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की ओर से कहा गया है कि हम तुर्की की किसी भी तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन से बात की है और कहा कि हमारा देश हर तरह से आपके साथ है। बाइडन ने कहा कि तुर्की में रेस्क्यू अभियान में मदद और समर्थन करने के लिए अमेरिकी टीमों को तेजी से तैनात किया जा रहा है। इतना ही नहीं हेल्थ टीमें भी तैनात की जा रही हैं। रूस ने 300 सैनिकों की 10 टीमें रेस्क्यू के लिए सीरिया भेजी हैं।
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खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू में परेशानी
तुर्किए के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मौसम और आपदा का दायरा रेस्क्यू टीमों के लिए चुनौतियां पैदा कर रही हैं। खराब मौसम के चलते रेस्क्यू टीम के हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहे। इतना ही नहीं हाल ही में तुर्किए और सीरिया के कई इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। इसके चलते तापमान में भी गिरावट आई है।
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