इंटरनेशनल डेस्क. दुनिया की सबसे बड़ी टोबैको कंपनियों में शामिल ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको कंपनी (बीएटी) के एक सहायक ने तानाशाह किम के देश को सिगरेट बेचने की बात स्वीकार की है। ये डील 2007 से 2017 के बीच की गई थी। इस कारण अमेरिका ने ब्रिटेन की एक कंपनी पर नॉर्थ कोरिया को सिगरेट बेचने के आरोप में 52 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
बिक्री में शामिल तीनों आरोपी फरार
2007 से 2017 के बीच में ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको कंपनी ने सहायक कंपनियों के जरिए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए नॉर्थ कोरिया को करीब 35 हजार करोड़ रुपए के तंबाकू उत्पाद बेचे थे। इस दौरान बिक्री में शामिल उत्तर कोरियाई बैंकर सिम ह्योन-सोप, चीनी सहायक किन गुओमिंग और हान लिनलिन के खिलाफ भी क्रिमिनल चार्ज लगाए गए हैं। हालांकि, तीनों आरोपी फिलहाल फरार हैं।
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लीफ टोबैको सप्लाई करने के लिए बनाए कई जाली दस्तावेज
तीनों पर आरोप है कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया की सिगरेट बनाने वाली कंपनियों को लीफ टोबैको सप्लाई करने के लिए कई जाली दस्तावेज बनाए। इनके जरिए उन्होंने अमेरिकी बैंकों से 600 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करवाया। इससे नॉर्थ कोरिया की कंपनियों को करीब 57 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट की तरफ से बैंकर सिम पर 40 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की गई है। बाकी दोनों आरोपियों पर 4-4 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया गया है।
कंपनी की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
BAT कंपनी की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि कंपनी ऐसे कई देशों में काम कर रही है, जिन पर प्रतिबंध लगे हुए हैं। इनमें ईरान और क्यूबा शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कंपनी के CEO जैक बाउल्स ने कहा- हमें खेद है कि कंपनी ऐसे मामलों में शामिल थी, जहां प्रतिबंध लगे हुए हैं। ये कंपनी के स्टैंडर्ड और विश्वसनीयता को कम करता है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टोबैको कंपनी है BAT
ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको कंपनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तंबाकू कंपनी है। ये ब्रिटेन की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। कंपनी सिगरेट, तंबाकू सहित दूसरे निकोटिन उत्पाद बेचती है। यह लकी स्ट्राइक, डनहिल और पाल मॉल सहित प्रमुख सिगरेट ब्रांडों की मालिक है। इस कंपनी का हेडक्वार्टर लंदन में है और दुनियाभर में इसके करीब 80 हजार कर्मचारी हैं। स्टैटिस्टा के मुताबिक, 2022 में कंपनी ने करीब 2.8 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था।