रूस-यूक्रेन युद्ध को 50 दिन पूरे हो गए। लेकिन रूसी हमले अभी भी बंद नहीं हुए हैं। युद्ध के 50वें दिन रूस का पराक्रमी जंगी युद्धपोत तबाह हो गया है। रूस का ये युद्धपोत काला सागर से यूक्रेन पर मिसाइलें दाग रहा था। यूक्रेन का दावा है कि उसने नेप्चून मिसाइल का इस्तेमाल कर इस युद्धपोत को आग के शोले में बदल दिया। वहीं रूस का कहना है कि किलर मिसाइलों से लैस इस युद्धपोत के गोला-बारूद में आग लगने से धमाका हुआ है। समय रहते उसने अपने सभी नौसैनिकों को युद्धपोत से बाहर निकाल लिया। मोस्कवा युद्धपोत समंदर से यूक्रेन पर हमला कर रूस को जंग में बढ़त दिलाने का काम कर रहा था। उधर, पेंटागन ने इसे रूस की सांकेतिक हार बताया है।
इस तरह जबाह किया युद्धपोत
फरवरी में जब जंग की शुरुआत हुई तो स्नेक आइलैंड से मोस्कवा से कई मिसाइलें दागी गईं थी। जिसके बाद से ये युद्धपोत यूक्रेन के निशाने पर था। इस युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए दावा है कि यूक्रेन ने मोस्कवा के रडार सिस्टम को धोखा दिया। इसके लिए तुर्की के बायरक्तार ड्रोन का सहारा लिया गया और मौका देखकर ओडेसा में छिपी यूक्रेन की सेना ने 2 नेप्चून मिसाइलों से काम तमाम कर दिया।
24 घंटे में रूस ने खोए 39 सैनिक
यूक्रेन के सशस्त्र बलों के मुताबिक, दक्षिणी यूक्रेन में रूसी सैनिकों को काफी नुकसान हुआ है। पिछले 24 घंटे में 39 रूसी सैनिक मारे गए हैं, वहीं रूस के चार वाहन भी नष्ट कर दिए गए हैं।
पांच यूक्रेनी के बदले छोड़े चार रूसी सैनिक
रूस-यूक्रेन जंग के बीच युद्ध बंदियों की अदला-बदली भी तेजी से चल रही है। यूक्रेनी ऑपरेशनल कमांड साउथ की रिपोर्ट के मुताबिक, उसने पांच यूक्रेनी सैनिकों के बदले चार रूसी सैनिकों को छोड़ दिया गया है।
पांच मिलियन लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
इस जंग में अब तक पांच मिलियन यूक्रेनी देश छोड़कर जा चुके हैं। वहीं 7.1 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं। इस बीच यूक्रेनी ससंद ने युद्ध के दौरान विदेशियों को यूक्रेन की खुफिया एजेंसी में काम करने के लिए अनुमति भी दे दी है।