WASHINGTON. हाल ही में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) की भूमिका पर सवाल उठाती बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर अब अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जिस डॉक्यूमेंट्री का आप जिक्र कर रहे हैं, मैं उससे वाकिफ नहीं हूं। हालांकि, मैं उन साझा मूल्यों को बहुत अच्छे से जानता हूं, जो अमेरिका और भारत जैसे दो जीवंत लोकतंत्रों के बीच हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हैं, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से गहरे संबंध शामिल हैं।
प्राइस ने ये भी कहा कि हम हर उस चीज को देखते हैं जो हमें एक साथ जोड़ती है और हम उन सभी तत्वों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं, जो हमें एक साथ बांधते हैं। हमने लंबे समय से दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता की मांग की है। भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध अपने दम पर खड़े हैं और हम उन्हें शून्य योग के रूप में नहीं देखते हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी वार्ता की गति, गुंजाइश और चरित्र दो देशों का मामला है।
— ANI (@ANI) January 24, 2023
ब्रिटिश पीएम ने भी किया था मोदी का बचाव
पिछले हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से खुद को दूर कर लिया था। उन्होंने कहा था कि मैं डॉक्यूमेंट्री में अपने इंडियन काउंटरपार्ट यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिखाई बातों से सहमत नहीं हैं। ब्रिटिश पार्लियामेंट में पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने डॉक्यूमेंट्री पर टिप्पणी की थी, जिस पर सुनक ने जवाब दिया था।
क्या है बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री?
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने India: The Modi Question शीर्षक से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इसका पहला पार्ट 17 जनवरी को जारी किया गया था। इस सीरीज में मोदी के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर पर बातें की गईं हैं। बीजेपी का आरोप है कि इसे गलत तरीके से दिखाया गया है। इस सीरीज में गुजरात दंगों को भी दिखाया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे। हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन (HFB) ने बीबीसी को चिट्ठी लिखी है. HFB ने कहा है कि वह बीबीसी के 'हिंदू-विरोधी पूर्वाग्रह' से निराश है. उनका कहना है कि इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के कंटेंट में निष्पक्ष रिपोर्टिंग का मूल गायब है.
केंद्र सरकार ने 20 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ऐसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था, जो औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाता है। विपक्षी ने भी मसले पर केंद्र पर जमकर निशाना साधा था।नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे,तब वहां 2002 दंगे हुए थे। गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। कमेटी को मामले में मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे।
गुजरात दंगे में मोदी की भूमिका पर BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर US बोला- हम भारत के साथ साझा मूल्यों से अच्छी तरह वाकिफ
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WASHINGTON. हाल ही में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) की भूमिका पर सवाल उठाती बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर अब अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जिस डॉक्यूमेंट्री का आप जिक्र कर रहे हैं, मैं उससे वाकिफ नहीं हूं। हालांकि, मैं उन साझा मूल्यों को बहुत अच्छे से जानता हूं, जो अमेरिका और भारत जैसे दो जीवंत लोकतंत्रों के बीच हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हैं, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से गहरे संबंध शामिल हैं।
प्राइस ने ये भी कहा कि हम हर उस चीज को देखते हैं जो हमें एक साथ जोड़ती है और हम उन सभी तत्वों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं, जो हमें एक साथ बांधते हैं। हमने लंबे समय से दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता की मांग की है। भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध अपने दम पर खड़े हैं और हम उन्हें शून्य योग के रूप में नहीं देखते हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी वार्ता की गति, गुंजाइश और चरित्र दो देशों का मामला है।
— ANI (@ANI) January 24, 2023
ब्रिटिश पीएम ने भी किया था मोदी का बचाव
पिछले हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से खुद को दूर कर लिया था। उन्होंने कहा था कि मैं डॉक्यूमेंट्री में अपने इंडियन काउंटरपार्ट यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिखाई बातों से सहमत नहीं हैं। ब्रिटिश पार्लियामेंट में पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने डॉक्यूमेंट्री पर टिप्पणी की थी, जिस पर सुनक ने जवाब दिया था।
क्या है बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री?
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने India: The Modi Question शीर्षक से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इसका पहला पार्ट 17 जनवरी को जारी किया गया था। इस सीरीज में मोदी के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर पर बातें की गईं हैं। बीजेपी का आरोप है कि इसे गलत तरीके से दिखाया गया है। इस सीरीज में गुजरात दंगों को भी दिखाया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे। हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन (HFB) ने बीबीसी को चिट्ठी लिखी है. HFB ने कहा है कि वह बीबीसी के 'हिंदू-विरोधी पूर्वाग्रह' से निराश है. उनका कहना है कि इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के कंटेंट में निष्पक्ष रिपोर्टिंग का मूल गायब है.
केंद्र सरकार ने 20 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ऐसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था, जो औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाता है। विपक्षी ने भी मसले पर केंद्र पर जमकर निशाना साधा था।नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे,तब वहां 2002 दंगे हुए थे। गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। कमेटी को मामले में मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे।