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BHOPAL. अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी है। गबार्ड ने आरोप लगाए हैं कि यह पार्टी एक तरह से कुछ एलीट लोगों के नियंत्रण में है। जो जंग की बातें करते हैं। श्वेत लोगों का विरोध करते हैं और नस्लभेदी ग्रुप में तब्दील हो रहे हैं। गबार्ड दो साल पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं हैं। गबार्ड ने कहा कि आज के डेमोक्रेट (डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता-कार्यकर्ता) आस्था और आध्यात्मिकता वाले लोगों के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि वे अमेरिकी कानूनों का पालन न करते हुए प्रदर्शन करते हैं और अपराधियों की रक्षा करते हैं।
I can no longer remain in today’s Democratic Party that is now under the complete control of an elitist cabal of warmongers driven by cowardly wokeness, who divide us by racializing every issue & stoke anti-white racism, actively work to undermine our God-given freedoms, are… pic.twitter.com/oAuTnxZldf
— Tulsi Gabbard ???? (@TulsiGabbard) October 11, 2022
मध्यावधि चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी पार्टी
गौर करने वाली बात है कि उन्होंने अगले महीने होने वाले महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी। पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के डेमोक्रेट विश्वास और आध्यात्मिकता के प्रति शत्रुतापूर्ण हैं।
विदेश नीति के लिए अपनी सरकार को घेरा
गबार्ड ने तीखी आलोचक करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन के 'आग की लपटों में ईंधन डालने' वाले बयान के लिए लताड़ा है। उन्होंने बाइडेन की विफल विदेश नीति पर हमला बोला और यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसी सरकार में विश्वास करती हूं, जो लोगों की, लोगों द्वारा और लोगों के लिए हो। दुर्भाग्य से, आज की डेमोक्रेटिक पार्टी ऐसा नहीं करती है। इसके बजाय, यह एक शक्तिशाली अभिजात वर्ग की सरकार के लिए खड़ा है।
तुलसी गबार्ड का जीवन सफर
देश में लोगों की बुनियादी स्वतंत्रता को कमतर करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करते हुए तुलसी गबार्ड ने कहा कि वह एक ऐसी सरकार में विश्वास करती हैं, जो लोगों के लिए है। उन्होंने कहा आज की डेमोक्रेटिक पार्टी इन मूल्यों के साथ खड़ी नहीं है। 41 साल की तुलसी भारतीय मूल की नहीं हैं। उनका जन्म 12 अप्रैल 1981 को अमेरिका में हुआ था। हवाई से चार बार सांसद रहीं। सियासत में आने से पहले वे अमेरिकी सेना में थीं। गबार्ड ने 2004 से 2005 तक इराक में एक युद्ध क्षेत्र में हवाई आर्मी नेशनल गार्ड की एक फील्ड मेडिकल यूनिट में काम किया। वे 2008 से 2009 तक कुवैत में तैनात रहीं।