इंटरनेशनल डेस्क. यूक्रेन की उपविदेश मंत्री एमीन झापरोवा बुधवार, 12 अप्रैल को भारत दौरे पर थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन विदेशी मेडिकल छात्रों को उनके देश से फाइनल एग्जाम देने की अनुमति देगा। ऐसे में यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्र भी यहीं परीक्षा दे पाएंगे।
इनसे हुई एमिन झापरोवा की मुलाकात
एमिन झापरोवा 9 से 12 अप्रैल, 2023 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थी। यात्रा के दौरान झापरोवा की विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा, विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से मुलाकात हुई।
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहली आधिकारिक यात्रा
यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा की पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहली आधिकारिक यात्रा थी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम बनाया गया। भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है। राजनयिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 वर्षों में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन से कर रहे हैं मेडिकल की पढ़ाई
पिछले साल फरवरी में जब रूसी आक्रमण शुरू हुआ, तब लगभग 19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे थे। अनुमान के मुताबिक, लगभग 2,000 भारतीय छात्र यूक्रेन वापस चले गए हैं और वे ज्यादातर पूर्वी यूरोपीय देश के पश्चिमी हिस्से में रह रहे हैं। यूक्रेन के अधिकारियों की पहल के तहत, जो छात्र अभी भी भारत में हैं, वे ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और उनके पास भारत में एकीकृत राज्य योग्यता परीक्षा (यूएसक्यूई) में शामिल होने का विकल्प है।
जब यूक्रेन में फंसे थे भारतीय छात्र
जब यूक्रेन और रूस का युद्ध चरम पर था। उस समय हजारों की संख्या में भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए थे। पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने की अपील की थी। इसके बाद छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला गया था। इसके बाद छात्रों को अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने की चिंता सता रही थी। यूक्रेन की उप विदेश मंत्री की घोषणा से इन छात्रों को राहत मिली है।