UGANDA. युगांडा में होमोसेक्सुअल रिश्ते बनाने वालों के लिए कठोर नियम बनने के बाद वल्ड बैंक ने कर्ज देने से मना कर दिया है। बता दें कि अगर इस देश में कोई समलैंगिक संबंध बनाता हैं तो उसे ताउम्र जेल या मौत की सजा मिल सकती है। राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने करीब ढाई महीने पहले ही समलैंगिक संबंधों के खिलाफ कठोर बिल वाले दस्तावेज पर साइन किए थे। वहीं वल्ड बैंक का ये कदम अब चर्चा का विषय है।
वल्ड बैंक का युगांडा को लोन न देने का असल कारण
इस देश की सरकार LGBTQ कम्यूनिटी को पश्चिमी अनैतिकता मानती है। LGBT में वह लोग आते हैं जो समान लिंग के व्यक्ति के प्रति यौन आकर्षण रखते हैं। जो कि उनके देश में पहुंच चुकी है। वल्ड बैंक का युगांडा को लोन से मना करना कई सवाल पैदा कर रहा है। बता दें कि युद्ध के लिए धमकाते या दूसरों की सीमाएं हड़पते देशों को भी वल्ड बैंक ने लोन दिया हुआ है। अब सवाल उठता है कि युगांडा को लोन न देने के पीछे क्या सच में वहां का नया कड़ा नियम ही है। लोन न मिलने पर देशों के आपसी रिश्ते भी मायने रखते हैं। अमेरिका और क्यूबा के आपसी रिश्ते अच्छे न होने का असर उनके लोन पर पड़ता है।
पहली बार मानवाधिकार पर वल्ड बैंक का ऐसा फैसला
बता दें कि वर्ल्ड बैंक उन सभी देशों की मदद करता है, जिनकी एनुअल पर कैपिटा आय साढ़े 12 हजार डॉलर से कम होती है। यह सिर्फ इकनॉमी पर काम करता है। अभी तक जिन देशों ने कर्ज नहीं मांगा है या जो पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं, उन्हें अभी तक इसने लोन नहीं दिया है। पहली बार मानवाधिकार से जुड़े इस मुद्दे पर बैंक ने युगांडा के खिलाफ ऐसा कदम उठाया है। आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक की स्थापना 1944 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ की गई थी। इसके वर्तमान में 189 सदस्य हैं।