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भारत और यूके ने इण्डो पैसेफिक इलाके में सैन्य सहयोग करने का फैसला किया है। यूके का जंगी जहाज HMS क्वीन एलिजाबेथ साउथ चाइना सी में कैरियर स्ट्राइक ग्रुप इंडियन नेवी के साथ फुल स्पैक्ट्रम एक्सरसाइज में हिस्सा लेगा। साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास से चीन पर नकेल कसी जाएगी। ये युद्ध अभ्यास पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कोंकण वॉर गेम्स के तहत अगले महीने जुलाई में किया जाएगा। इस दौरान UK अपने पहले 65 हजार टन वजनी वॉरशिप की तैनाती साउथ चाइना सी में करेगा।
साउथ चाइना सी में 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन'
भारत और यूके साउथ चाइना सी में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन' को सुनिश्चित करने के लिए इन्डो पैसेफिक में सैन्य सहयोग करने का फैसला लिया है। इससे पहले इंडियन नेवी ने 23-24 जून को गोवा तट पर USS रोनाल्ड रीगन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ अभ्यास किया। इसकी वजह निमित्ज क्लास वॉरशिप का साउथ चाइना सी में ऑपरेशनल तैनाती के पहले लौट आना था।
HMS एलिजाबेथ कई मायनों में खास
HMS एलिजाबेथ वॉरशिप को बनाने में 30 हजार करोड़ रुपए की लागत आई थी। इसकी लंबाई 'हाउस ऑफ पार्लियामेंट' से भी ज्यादा है। इसका वजन 65,000 टन (376 ब्लू व्हेल्स के बराबर) है। यह एक दिन में 108 हवाई हमले कर सकता है। HMS इलस्ट्रिअस का इस्तेमाल 2014 में बंद होने के बाद इसका उपयोग किया जाने लगा था। HMS क्वीन एलिजाबेथ को ब्रिटेन के हैम्पशर काउंटी के पोर्ट्समाउथ में तैयार किया गया था।
कोंकण युद्धाभ्यास
कोंकण में युद्धाभ्यास की तारीखें तय की जा रही है। कैरियर ग्रुप अंडमान और निकोबार द्वीप के आसपास भारत की पनडुब्बियों, P81 एंटी सबमैरिन वॉरफेयर प्लेन्स और मिग-29K फाइटर्स के साथ युद्ध अभ्यास करेगा। इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य रखरखाव के दौर से गुजर रहा है। 2021 में यह तैनाती से बाहर कर दिया जाएगा। इसके अलावा ब्रिटेन जाने के पहले एलिजाबेथ कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अक्टूबर में इंडियन आर्म्ड फोर्स के साथ अरब सागर में ट्राई सर्विस एक्सरसाइज में भाग लेगा। ये भी तीन दिन आयोजित किया जाएगा।