लड़ाकू विमान राफेल का सौदा फिर गर्मा गया है। फ्रांस ने राफेल डील में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों की जांच 14 जून को शुरू कर दी है। फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस (PNF) के मुताबिक जांच के लिए एक जज की नियुक्ति की गई है। भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर प्लेन की खरीदी के लिए 7.8 बिलियन यूरो (59,000 करोड़ रु.) की डील की गई थी। फ्रांस में काम करने वाले NGO शेरपा ने डील में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगाकर शिकायत दर्ज कराई थी।
राष्ट्रपति सवालों के घेरे में
डील में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के बाद फ्रांस की मीडिया में इस मामले में लगातार रिपोर्ट पब्लिश की गई थी। जिसके बाद जांच शुरू की गई है। जांच में उस समय के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और वित्तमंत्री इमैनुएल मैक्रों (वर्तमान राष्ट्रपति) भी सवालों के घेरे में हैं। इन दोनों के कार्यकाल में ही राफेल डील पर साइन किए गए थे। फ्रांस के तात्कालिक रक्षामंत्री जीन यवेस से भी पूछताछ हो सकती है।
राहुल गांधी ने घोटाले के आरोप लगाए
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि चोर की दाढ़ी में तिनका। राहुल ने डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कुछ महीनों पहले दावा किया कि भारत सरकार और दैसो एविएशन (राफेल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी) के बीच हुए राफेल सौदे में 21,075 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है।