जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं बीजेपी का टेंशन लगातार बढ़ रहा है. मध्यप्रदेश में हालत ये है कि देश की सबसे बड़ी पार्टी यहां हार के डर से हर रोज नया प्रयोग करने को तैयार है. लेकिन मुश्किल ये नजर आती है कि पार्टी के अपने बड़े चेहरे ही पार्टी की नैया किनारे लगाने में फेल होते नजर आ रहे हैं. कार्यकर्ताओं की मायूसी मिटाने के जितने भी जतन किए गए हैं वो सारे भी बेअसर ही नजर आते हैं. नए और पुराने कार्यकर्ता के बीच पार्टी का हाल उस पुल जैसा हो चुका है जो बीच भंवर में तेजी से झूल रहा है. कब कौन हाथ छोड़ कर गिर जाएगा ये कहना मुश्किल हो रहा है. सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता भरपूर ताकत तो लगा रहे हैं. लेकिन हालात अब इनके बस से भी बाहर ही नजर आते हैं. 14 नेताओं की रिपोर्ट और कोर ग्रुप की घंटो चली क्लोज डोर मीटिंग के बाद बीजेपी को अपना बस एक ही तारणहार नजर आ रहा है.
बीजेपी को मिली सिंधिया समर्थकों के खिलाफ शिकायते ही शिकायतें, कैसे निकलेगा हल?
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