मध्यप्रदेश में अब बीजेपी की नीयती संघ के हाथ में है. पिछले कुछ दिनों से कार्यकर्ता की नाराजगी की खबरों को संघ ने अब गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. इस नाराजगी के अलावा नेताओं के गुटों में बंट चुकी बीजेपी का मध्यप्रदेश में हाल बेहाल है. इन हालातों को भांप कर संघ ने प्रदेश में पैरलल काम शुरु कर दिया है. जिसका असर उस वक्त दिखाई देगा जब पार्टी टिकट बांटने का काम शुरू करेगी. ये भी मुमकिन है कि खुद सीएम शिवराज अपने चहेते उम्मीदवारों को टिकट न दिलवा सकें और ये भी संभव है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास दावेदार टिकट से दूर कर दिए जाएं. हर बड़े नेता के दावों और गुट की काट बनने का जिम्मा मध्यप्रदेश में अब खुद आलाकमान ने संभाल लिया है. जिनके विश्वासपात्र नेता हर जिले में डबल लेयर चर्चा कर रहे हैं. इस चर्चा का डर बीजेपी हलकों में नजर भी आने लगा है. प्रदेश में बीजेपी की बुरी स्थिती को भांप कर आलाकमान ने पहली बार इस तरह का सख्त कदम उठाया है.
टिकट वितरण में नहीं चलेगी सिंधिया-शिवराज की सिफारिश, संगठन के विश्वासपात्र को मिली जिम्मेदारी!
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