बीजेपी की चुनावी मशीनरी में बड़े बड़े नेताओं की पिसाई जारी है. गुजरात में सख्त फैसले लेने वाली बीजेपी ने ये साबित कर दिया है कि कर्नाटक के मामले में वो और भी सख्त है. चुनाव दर चुनाव जिस तरह बीजेपी की सख्ती बढ़ रही है उससे ये अंदाजा लगाना आसान है कि यहां तो रहम की गुंजाइश और भी कम होगी. आने वाले समय में मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव है. इन तीनों ही जगह पर बीजेपी साल 2018 में एक साथ चुनाव हारी थी. मध्यप्रदेश में तो जैसे तैसे सरकार बनाने में कामयाब हो गई. लेकिन अब 2023 में किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है. 2020 में चुनावी चालें चल कर सरकार बनी और कई समझौते भी किए गए. कुछ शर्तें जो निभानी थी. लेकिन अब बीजेपी किसी फैसले के लिए मजबूर नहीं होगी. कर्नाटक के जगदीश शेट्टार इसका उदाहरण है. जो बागी हुए, चेतावनी भी दी और अब कांग्रेस में शामिल भी हो गए. लेकिन बीजेपी उनके आगे झुकी नहीं. कर्नाटक के सख्त तेवर ये जाहिर कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश में चुनावी मशीनरी ज्यादा चुस्त होगी क्योंकि सिर्फ सरकार ही नहीं बनानी बल्कि राज भी करना है.
इन दिग्गजों और सिंधिया समर्थकों के कटेंगे टिकट, कर्नाटक फॉर्मूले से बीजेपी में क्या होगा बड़ा उलटफेर?
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