एक सरकारी कागज ने बिगाड़ा भोपाल के 300 परिवारों का भविष्य, दर-दर भटकने के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

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Harmeet
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आप बरसों से जिस मकान में रहते आ रहे हैं... और अचानक पता चले कि वो जमीन तो आपकी है ही नहीं... वो सरकारी जमीन है... सोचिए आप पर क्या बीतेगी... ऐसा ही अनुभव कर रहे हैं राजधानी भोपाल की नारायण नगर में रहने वाले 300 परिवार... 1970 यानी 53 साल पहले सारी परमिशन के साथ बनी इस कॉलोनी के लोगों को 40 साल बाद पता चला कि उन्होंने जिस जमीन पर मकान बनाया है वो तो उनकी है ही नहीं... और ये बड़ी गफलत राजस्व रिकॉर्ड में गड़बड़ी के चलते हुई है...

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