पशुपालक ध्यान दें: प्रदेश का पहला सीमेन स्टेशन भोपाल में शुरू, गाय से बछड़ा हो बछिया यह कर सकेंगे तय

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पशुपालक ध्यान दें: प्रदेश का पहला सीमेन स्टेशन भोपाल में शुरू, गाय से बछड़ा हो बछिया यह कर सकेंगे तय

देश के दूसरे और प्रदेश के पहले सीमेन स्टेशन भोपाल में एक नई तकनीक की शुरूआत हो चुकी है। इसके चलते गाय के गर्भवती होने से पहले यह तय किया जा सकता है कि उसे बछिया होगा या बछड़ा, यानी जेंडर तय किया जा सकता है। भोपाल के केरवा डैम रोड़ पर यह स्थित है, जहां हर रोज बैल और भैंसे के सीमेन की 1300 स्ट्रॉ तैयार की जाती है।

ज्यादा दूध देने वाली गाय की नस्ल बढ़ेगी

यह सीमेन सेंटर मप्र पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के सहयोग से तैयार किया गया है, जो प्रदेश का पहला सीमेन स्टेशन है। इस ही तरह का पहला स्टेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश में है। भोपाल के इस सेंटर में गाय के बछड़े का जेंडर तय हो सकेगा और ज्यादा दूध देने वाली नस्ल की मांग भी की जा सकेगी। यहां बेहतर नस्ल की गाय और बुल के सीमेन का क्रोमोसोमल सेपरेशन कर सीमेन स्ट्रॉ बनाई जाती है।

पशुओं को बांटा गया है तीन ग्रुप में

सेंटर के पशुओं को तीन ग्रुप में बांटा गया है। इन्हें ग्रुप्स में बांटना का कारण भी इनकी सीमेन सीक्वेंसिंग है, एक बुल से हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा दो बार ही सीमेन लिया जा सकता है। इस फार्म में देसी नस्ल के 12 जर्सी, एचएफ नस्ल के 105 बछड़े और मुर्रा, जाफराबादी, भदावरी नस्ल की 45 भैंसों को रखा गया है।

इस साल 3 लाख सीमेन का टारगेट

प्रदेश में सेंट्रल सीमेन स्टेशन में इस साल 3 लाख सीमन का लक्ष्य रखा गया है। निगम के एमडी डॉ. एचबीएस भदौरिया ने बताया कि गाय और भैंस की मादा नस्ल की सीमेन स्ट्रॉ भी बेंची जा रही है। इसकी एक स्ट्रॉ प्रदेश में 450 रुपए में और बाहरी जगहों पर 950 रु. में दी जाती है, वहीं एससी, एसटी वर्ग के लोगों को पशुपालक को अपनी गाय या भैंस के लिए मादा प्रजाति की एक सीमेन स्ट्रा 400 रुपए में दी जाती है।

Central Seamen Station Bhopal cow calf can be pre decided cow seamen sequencing सेंट्रल सीमेन स्टेशन भोपाल