किसान के जीवन में उपकरण हमेशा से जरूरी रहे है, हल से लेकर ट्रैक्टर तक खेती में यंत्रों की एक खास जगह रही है। इन उपकरणों ने हमें आराम देने में मदद तो की ही है लेकिन कुछ आधुनिक उपकरण धरती को नुकसान भी पहुंचता है। अक्सर किसान फसल बुवाई से पहले 2 से 3 बार खेत की जुताई करते हैं, लेकिन बिना जुताई के भी अच्छी पैदावार की जा सकती है। खेत की जुताई की जगह फसलों की खेती करने से खर्च बच सकता है और फसल की उपज भी ज्यादा हो जाती है। इससे किसानों को दौहरा लाभ मिल सकता है।
जुताई की नहीं है जरूरत
बिना जुताई के खेती भी एक कमाल की तकनीक है, जिसमें भूमि को बिना जोते ही बार-बार कई सालों तक फसलें उगाई जा सकती है। यह कृषि की नई विधि है, जिससे किसानों को फायदा मिलता है। खास बात यह है कि इस तरीको से किसान चना, मक्का, धान जैसी कोई भी फसल उगा सकते हैं।
इन तरीकों से पैदावार बढ़ाएं
पहला तरीका- चीजलर का इस्तेमाल करे जिससे खेती में बनी लेयर तोड़ सके और फिर बिना जुताई के खेती वाली प्रक्रिया में आगे बढ़े, जिससे खेत की मिट्टी को समतल हो जाएगी।दूसरा तरीका- जीवांस अबशेष को पहले हम कूड़े में ले जाते हैं और फिर खेत में लेकर आते हैं. इसमें लागत भी नहीं लगती है और समय भी बचता है। इस कूड़े को जमीन की सतह पर रखना है, इससे खेत में पानी का पर्याप्त मात्रा में बनाए रखता है। यह जीव-जन्तु के लिए खाद्य पदार्थ का काम करता है, जो कि डी कंपोस्ड करते हैं। इसके बाद यह खाद बनके खेतों को जरूरी पोषक तत्व देती है। इसमें खास यह है कि यह खेत में खरपतवार भी नहीं लगने देता है। इससे फसल का उत्पादन अच्छा होता है।तीसरा तरीका-एक फसल का उत्पादन लेने के बाद दूसरी फसल की बुवाई।