“रामराज्य” के बाद राज्याभिषेक करने जा रहें हैं आशुतोष राणा

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श्री राम का नाम आते ही रामायण के दृश्य आंखो के सामने आ जाते हैं साथ ही सवालों के पहाड़ खड़े हो जाते हैं. राम ऐसे थे, रावण वैसा था सब कैकेयी का दोष शूर्पनखा कैसी थी सोने का मृग कैसे हो सकता है कैसे राम ने पंचवटी में रह कर सेना एकत्र की कैसे कुंभकर्ण इतना लंबा-चौड़ा हो सकता है कैसे रामजी ने उसे हराया या फिर हनुमान जी इतने बलवान कैसे थे? विभीषण ने ठीक किया या गलत किया कोई पुरानी किताबों में लिखी सारी बातों को बस मान लेने को कहता है, तो बहुत से लोग अपनी मति-बुद्धि के अनुरूप प्रसंगों पर प्रकाश डालते हैं. उसे मथते हैं. जो निकाल भी पाते हैं उसे ही सभी को मानने के लिए कहते हैं रामराज्य पुस्तक आपके कई सवालों के उत्तर के लिए एक उपयुक्त साधन है. पुस्तककार चूंकि फिल्म और रंग कर्म से जुड़े हैं, तो संवादों में एक बहुत ही रोचक प्रवाह है. साहित्य सूत्र में इस बार मिलिए एक जबरदस्त अभिनेता, लेखक, वक्ता आशुतोष राणा के साथ “रामराज्य” और आने वाली पुस्तक को लेकर खास बातचीत.