हरीश दिवेकर @ भोपाल.
सत्तारूढ़ दल क्या खटाखट जीत रहा है? विपक्ष क्या सफाचट हो जाएगा? जनता ने किसका गटागट कर दिया? ये सब सवालों के सटीक जवाब तो 4 जून को ही सामने आएंगे। फिलहाल तो चुनावी नतीजों की जो 'पोल' खुली है, उसने विपक्ष की नींद उड़ा दी है। MP सहित देश के बाकी राज्यों में हुए कम मतदान से कांग्रेस और दूसरे दलों की बांछें खिली हुई थीं, पर उनकी खुशी एक झटके में काफुर हो गई है। पांच एजेंसियों का अनुमान है कि MP में बीजेपी अपना पुराना यानी 2019 का प्रदर्शन दोहराने जा रही है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिलने का अनुमान है।
खैर, हमें तो आपकी तरह 4 जून का बेसब्री से इंतजार है। लोकसभा चुनाव की गहमा गहमी के बीच मंत्रालय में गांजा महक रहा है। एक मैडम गांजे की बड़ी शौकीन हैं। एक साहब के संदेश की खूब चर्चा है, अरे क्या है कि साहब ने मैडम को मैसेज किया था। एक पुलिस कप्तान का कांड सामने आया है और नेताजी कोप भवन में हैं।
देश प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए…
नेताजी और उनका आत्मविश्वास...
देखिए, मैंने आपसे कहा था ना... BJP गर्दा उड़ा देगी। वैसा ही हुआ है। हम फिर 28 सीटें जीत रहे हैं। यह मजमून आत्मविश्वास से भरे एक नेताजी की बातचीत का था। सुबह- सुबह उनका फोन आया था। बोले, अब यह समझ नहीं आ रहा कि हम तीन में से कौन सी सीट हार रहे हैं। राजगढ़, छिंदवाड़ा या मंडला...? उनके तपाक से दागे गए इस सवाल का जवाब तो हमें तुरंत तो नहीं सूझा। हमने कहा कि भैया, 2 दिन इंतजार कर लेते हैं। नेताजी ने कहा, हम तो मिठाई बांट रहे हैं। खैर, जो भी हो ज्येष्ठ की यह अलसाई सी सुबह बीजेपी के लिए जोश से भरी है। शहर, गांव, प्रदेश और देश में चहुं ओर एग्जिट पोल की चर्चा है। बीजेपी अबकी बार 350 पार जो करने जा रही है।
वो मंदिर, पैसा और कलेक्टर साहब!
मालवा का एक जिला इन दिनों एक मंदिर की वजह से चर्चा में है। क्या है कि मंदिर की जमीन हाईवे के दायरे में आ गई है। अब सरकार को मुआवजा तो देना ही था। सो लाखों में मुआवजा तय हो गया। अब मसला यह है कि कलेक्टर इस मुआवजे के आड़े आ गए हैं। वे मंदिर समिति को राशि नहीं दे रहे हैं। उनका तर्क है कि मंदिर तो प्रशासन के अधीन ही है। पैसा समिति को क्यों देना है। समिति वाले अलग भौकाल काटे हुए हैं। देखना दिलचस्प होगा कि मामले का निराकरण कैसे होगा। फिलहाल तो कलेक्टर साहब टस से मस नहीं हो रहे हैं। आपको बता दें कि यह एक आदिवासी बहुल जिले की कहानी है। ( bol hari bol )
गांजा प्रेमी कलेक्टर मैडम!
नशा हर गम भुला देता है। जोश से भर देता है। अब एक युवा कलेक्टर मैडम गम में डूबी हैं या जोश की कमी आ रही है...ये तो वे ही जानें। फिलहाल तो उनके नशे की चर्चा है। मैडम के बैचमेट अफसरों का कहना है कि मैडम को गांजा पसंद है। वे जब तक गांजे वाली सिगरेट के कश नहीं मार लेती, तब तक काम करने का शुरूर नहीं बनता। बैचमेट अफसरों की ये चर्चा अब मंत्रालय के गलियारों तक आ गई है। आप जानना चाहते होंगे कि आखिर ये गांजे वाली मैडम हैं कौन...तो हम आपको इतना बता सकते हैं कि मैडम कुछ दिन पहले धार जिले में हुई एक पार्टी में मैडम गांजे वाली सिगरेट के कई ब्रांड लेकर पहुंची थीं।
महिला आईएएस को मैसेज क्यों करते हैं साहब?
मंत्रालय से ऐसी ऐसी रोचक और हैरान करने वाली खबरें आती हैं कि बस पूछिए मत। अब इसी मामले को देख लीजिए। मंत्रालय में अहम पद पर पदस्थ एक प्रमुख सचिव साहब के एक संदेशे की खूब चर्चा है। इस संदेशे में एक संदेश छुपा हुआ था। क्या है कि साहब ने एक महिला आईएएस को मैसेज कर उन्हें अपने ऑफिस मिलने बुलाया। मैडम ने जैसे ही मैसेज पढ़ा, वैसे ही प्रमुख सचिव ने मैसेज डिलीट कर दिया। बताते हैं कि इसके पहले भी साहब मैडम को मैसेज कर चुके हैं। अब ये महिला आईएएस अपने साथियों को पीड़ा बता रही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें किसी समय में इन्हीं प्रमुख सचिव ने इस महिला आईएएस को कमरे से बाहर निकाल दिया था, यहां तक कि उनकी गाड़ी भी छीन ली थी। बाद में इस महिला आईएएस ने अपनी आपबीती आईएएस अफसरों के वाटसएप ग्रुप पर लिखकर हंगामा मचा दिया था।
ये पुलिस का कप्तान है या सिंडिकेट का!
विंध्य के एक जिले के एसपी खासे चर्चा में हैं। जिले में अवैध खदान माफिया के सिंडिकेट को ये साहब पूरा आश्रय दे रहे हैं। एक तरह से माना जाए तो ये पुलिस के कप्तान कम सिडिंकेट के कप्तान ज्यादा नजर आते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इन साहब ने पहली पोस्टिंग मेंं ही इतनी जबरदस्त बल्लेबाजी कर दी कि इनसे सीनियर अफसर जो दो-तीन जिलों में कप्तानी कर चुके हैं, इनके आगे कहीं नहीं लगते। मामला पीएचक्यू में पहले ही पहुंच गया था, लेकिन वहां के आला अफसरों ने अपने कान बंद कर लिए। बताते हैं कि अब मामला मंत्रालय के गलियारों से होता हुआ डॉक्टर साहब तक पहुंच गया है। ऐसे में कप्तान साहब का 4 जून के बाद इलाज होना तय है।
गुजरात शराब भेजने की गारंटी लेता है दलाल
इंदौर में पुलिस के दलाल के नाम से मशहूर जय का जलवा देखते ही बनता है। बताते हैं कि जय बाबू ने मध्य प्रदेश से गुजरात तक अवैध शराब भेजने का पूरा ठेका लेना शुरू कर दिया है। यानी मप्र से गुजरात बॉर्डर तक पुलिस शराब को नहीं पकड़ेगी। पुलिस अफसरों पर आंच न आए, इसका भी जय बाबू अच्छे से ख्याल रखते हैं। शराब के कुछ अवैध ट्रक पकड़वाकर पुलिस का टारगेट पूरा करवा देते हैं, जिससे ये न लगे कि पुलिस काम नहीं कर रही।
नर्सिंग घोटाले के बाद से सन्नाटे में नेताजी
नर्सिंग घोटाले के बाद से बीजेपी के एक नेताजी सन्नाटे में हैं। कारण विपक्ष बार- बार उनका नाम लेकर मामले में उन्हें घसीटने में लगा हुआ है। वहीं नर्सिंग घोटाले को लेकर केन्द्र सरकार की भी वक्र दृष्टि पड़ गई है। चुनाव आचार संहिता के बाद कहीं ये घोटाले की आग ज्यादा न भड़क जाए, नेताजी को इसी बात का टेंशन है। क्योंकि यदि पार्टी हाईकमान ने इस मामले में दखल दिया तो मुश्किलें बढ़ना तय हैं।
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