हरीश दिवेकर @ भोपाल
देश में प्रचंड गर्मी है जनाब! चुनाव भी चल रहे हैं। अब पुणे हिट एण्ड रन केस चर्चाओं में है। जुवेनाइल कोर्ट के फैसले की चर्चा सकल राष्ट्र में है। संपूर्ण देश में चर्चे यह भी हैं कि सरकार किसकी बन रही है। और...फिर गर्मी तो घर- घर पहुंच ही गई है।
चलिए भूमिका हो गई, अब मुद्दे पर आते हैं। एक दलाल ने इन्दौर के एक पुलिस अफसर को बुरी तरह उलझा दिया है। वहीं एक रंगीन मिजाज आईएएस अफसर का खून फिर उबाल मार रहा है। उधर एक एसपी साहब और सीएसपी मैडम की लव स्टोरी दिल से निकलकर भोपाल की अरेरा कॉलोनी तक पहुंच गई है। …विश्वास ही नहीं, यह दावा है कि ये हाईलाइट पढ़कर आपको अंदर की खबर पढ़नी ही होगी। तो जनाब! नीचे चलिए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।
गजब बेइज्जती है साहब...
सबसे पहले बात गर्मी की… मानो पूरा ब्राह्मंड उबल रहा है। अपनी ठंडी ताशीर के लिए मशहूर भोपाल की सुबह भी दोपहर सी फील हो रही है। अब गर्मी तो सबको लगती है। लिहाजा, मंत्रालय में मौसम के खूब चर्चे हैं। अफसर, कर्मचारी बेहाल हैं। उपसचिव और उससे ऊंचे ओहदों पर बैठे अफसरान के चैंबर में तो एसी लगे हैं, पर अवर सचिव और अधीनस्थ अमले का क्या… गजब बेइज्जती है साहब। इन्हें तो कूलर तक नसीब नहीं हो रहे। हैरान अधिकारी- कर्मचारी कूलर की मांग लेकर बड़े साहब के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा। मौका भांपकर कुछ अधिकारियों ने तो छुट्टी पर जाने तक का मन बना लिया, लेकिन क्या है कि चुनाव का हवाला देकर उन्हें छुट्टी भी नसीब नहीं हो रही।
पुणे केस में नेताजी का निबंध
पद का रुआब, लाल बत्ती… लंबा कारकेड और मंत्रालय का वो बड़ा वाला कमरा... यह सुनने में ही कितना अच्छा लगता है। फिर मंत्री पद किसी को मिल जाए तो क्या ही कहने। अब सवाल यही है कि कोई इंतजार में हो, काबिल हो और समीकरण भी उसके पक्ष में हों, तब भी उसे लाव लश्कर न मिले तो टीस लाजमी है। जी हां, यहां महाकौशल क्षेत्र के विधायक जी की बात हो रही है। वे किसी न किसी रूप में चर्चा में आ ही जाते हैं। अबकी बार विधायक जी ने पुणे हिट एण्ड रन केस पर निबंध लिखकर अपना दर्द बयां किया है। क्या है कि उनके शहर की बेटी पुणे पोर्श केस की शिकार हो गई। कोर्ट ने आरोपी रईसजादे से निबंध लिखवाया था। अब इसी को लेकर विधायक जी ने निबंध लिखकर न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ अपना आक्रोश जताया है। यह निबंध जमकर वायरल हो रहा है।
पुराना जिन्न बोतल से बाहर आया
थोड़े से लालच और साहब की ईमानदारी एक दलाल के पास 'गिरवी' क्या हुई, दलाल अपने आप को बॉस समझने लगा है। उसने साहब की नस दबा रखी है। अब वह जैसा कहता है, साहब वैसा ही करते हैं। साहब इंदौर में बड़े पुलिस अधिकारी हैं। दलाल अब सारा काम ले देकर करवा रहा है। सबसे पहले दलाल ने ही साहब को पिनेकल में बड़ा प्लॉट दिलवाया था। कहानी थोड़ी घुमावदार है। असल में, दलाल ने साहब के ससुर साहब के खाते में पैसा जमा कराया था। बाद में उस पैसे से ससुर साहब के नाम पर प्लॉट की रजिस्ट्री करवा दी। इस खेल में दलाल ने अपनी कंपनी से पैसा सीधे साहब के ससुर साहब के खाते में ट्रांसफर किया था, इसी मनी ट्रेल में साहब उलझ गए हैं। मामला सालों पुराना है, लेकिन अब चर्चा बाहर आ गई। इंदौर में यह दलाल बड़ा फेमस है। जब भी पुलिस में किसी बड़े आदमी का काम फंसता है तो वे इस दलाल के दरवाजे पर खड़े नजर आते हैं।
होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है
इश्क कीजे, फिर समझिए...
इश्क कीजे, फिर समझिए जिंदगी क्या चीज है...
जगजीत साहब की ये पंक्तियां एक आईएएस अफसर पर बड़ी फिट बैठती हैं। साहब रंगीन मिजाज हैं। अव्वल तो हनी ट्रैप कांड से मुश्किल से बचे थे, पर अब वे फिर गुलाटी मारने लगे हैं। इन साहब का ऑडियो वायरल हुआ था, लेकिन बड़े- बड़े दिग्गज फंसे होने के कारण साहब की नैय्या भी पार लग ही गई और ये भी बच गए। अब देखिए न कहते हैं कि बंदर कितना भी बूढ़ा हो जाए, पर गुलाटी मारना नहीं छोड़ता। साहब की रंगीन मिजाजी के किस्से फिर चर्चा में हैं। खबर है कि साहब का दिल इन दिनों एक कंसल्टेंट पर आ गया है। यानी खाता न बही, जो कंसल्टेंट वाली मैडम कहें, वही सही।
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प्यार किया नहीं जाता...हो जाता है!
आप क्या जानें जनाब! प्यार किस चिड़िया का नाम है। प्यार तो प्यार होता है। यह कहां पद, प्रतिष्ठा, परम्परा जैसे भारी भरकम शब्दों को देखता है। प्यार कोई किया थोड़ी जाता है, यह तो हो जाता है। तो अब पढ़ ही लीजिए आप भी यह किस्सा...। दरअसल, महाकौशल का एक जिला इन दिनों भोपाल में चर्चित है। कलेक्टर साहब की आशिकी तो पहले से ही आम थी। अब ताजा मामला यह है कि एसपी साहब भी प्यार की डगर पर बढ़ गए हैं। उनका दिल सीएसपी साहिबा पर आ गया है। एसपी- सीएसपी की कहानी भोपाल में चटखारे लेकर बताई जा रही है। लोग कह रहे हैं कि महाकौशल के उस जिले के पानी में ही आशिकी है। वैसे तो कलेक्टर- एसपी में खासी जमती है, लेकिन सीएसपी मैडम के मामले में एसपी साहब कलेक्टर पर भरोसा नहीं करते। वो कहते हैं न कि नजर हटी और दुर्घटना घटी। ( bol hari bol )
कैसे एसपी तक बन जाते हैं ये लोग...
चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही तबादलों का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में लोग पुराने वालों को धक्का देकर कुर्सी हथियाने के खेल में लग गए हैं। इसमें बुंदेलखंड के एक ज़िले में पदस्थ एसपी का शिकार होता नजर आ रहा है। इन साहब का एक महीने पुराना वीडियो प्रशासनिक गलियारे में वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हाईकोर्ट जज इन साहब की क्लास ले रहे हैं। एसपी साहब इतने घबराए हुए हैं कि वे जस्टिस को न तो एफआर का फुलफॉर्म बता पाए और न ये ठीक से बता पाए कि एफआईआर किस धारा में की जाती है। बस इसी को मुद्दा बनाकर एसपी को धक्का देने की तैयारी है। कहा जा रहा है कि जिसे एफआर और एफआईआर नहीं पता, उसे जिला चलाने को दे दिया। अंदरखानों की मानें तो खाकी वर्दी वाले बड़े साहब की मेहरबानी से ही इन साहब को दूसरा जिला मिला था। अब आगे क्या होगा, ये सिर्फ मोहन ही जानते हैं।
विकास कौन है, कौन है ये विकास?
युवा आईएएस अफसरों में विकास चतुर्वेदी का बड़ा जलवा है। बताते हैं कि विकास बाबू युवा आईएएस अफसरों को दिल्ली- मुंबई की बड़ी सैर करवाते हैं। पता नहीं कौन सा बुर्ज खलीफा दिखाने ले जाते हैं, एक बार कोई गया तो विकास बाबू को बार- बार याद करता है। मैं समझ गया आप जानना चाहते हैं कि कौन- कौन आईएएस अफसर विकास बाबू के साथ सैर पर जा रहे हैंं तो भैया, एअर इंडिया और इंडिगो में सेटिंग जमाइए पता चल जाएगा कि पिछले 4 महीने में कितने युवा आईएएस अफसर विकास बाबू के साथ उड़ान भर चुके हैं।
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