MP के 40 फीसदी व्यापारी GST वार्षिक रिटर्न भरने से चूके, लेट फीस चुकानी होगी

author-image
Aashish Vishwakarma
एडिट
New Update
MP के 40 फीसदी व्यापारी GST वार्षिक रिटर्न भरने से चूके, लेट फीस चुकानी होगी

इंदौर. 28 फरवरी जीएसटी के वार्षिक रिटर्न भरने की आखिरी तारीख थी। व्यापारियों को उम्मीद थी कि इसकी मियाद बढ़ाई जाएगी। लेकिन जीएसटी काउंसिल ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से मध्य प्रदेश में करीब 40 प्रतिशत व्यापारी रिटर्न दाखिल करने से चूक गए। अब वार्षिक रिटर्न में देरी पर एक मार्च से 200 रुपए रोजाना के हिसाब से लेट फीस लागू होगी। इससे व्यापारियों में गुस्सा है। व्यापारी जीएसटी काउंसिल के खिलाफ लामबंद हो सकते हैं। 



दायरे में 4 लाख व्यापारी: मध्यप्रदेश में करीब 4 लाख व्यापारी जीएसटी के दायरे में आते हैं। ये मासिक रिटर्न दाखिल करते हैं, लेकिन इसका सालाना ब्यौरा भी जमा होता है। दो करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी का सालाना रिटर्न जमा करना अनिवार्य है। जबकि इससे कम टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए सालाना टर्नओवर भरना इच्छानुसार है। टैक्स ला बार एसोसिएशन के मुताबिक, 2 करोड़ से ज्यादा की सालाना टर्नओवर वाली लिमिट में करीब सवा लाख व्यापारी हैं। इनके लिए जीएसटी रिटर्न भरना अनिवार्य है। 



कारोबारियों की शिकायत: प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 50 से 60 फीसदी व्यापारी ही वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सके हैं। छोटे शहरों में ये प्रतिशत इससे भी कम है। ऑडिट का आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 15 मार्च है। इस वजह से व्यापारियों को उम्मीद थी कि 15 मार्च तक जीएसटी भरने की तारीख भी बढ़ाई जाएगी। डेटलाइन नहीं बढ़ाई जाने का व्यापारियों का विरोध शुरू हो सकता है। कारोबारियों की शिकायत है कि वे चाहते तो भी जीएसटी वार्षिक रिटर्न नहीं दाखिल कर सकते थे, क्योंकि सीए और कर सलाहकार अब तक आयकर की औपचारिकताओं में ही व्यस्त हैं। 


MP Indore GST जीएसटी GST Council जीएसटी काउंसिल आयकर रिटर्न Income tax businessman Tax टैक्स GST return