एयर इंडिया किसकी: दावा- सबसे ज्यादा बोली TATA संस की, सरकार बोली- फैसला बाकी

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एयर इंडिया किसकी: दावा- सबसे ज्यादा बोली TATA संस की, सरकार बोली- फैसला बाकी

मुंबई. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया विनिवेश (Disinvestment) मामले में स्पष्टीकरण दिया है। DIPAM ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के कन्फर्मेशन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं। सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को बाकायदा जानकारी दी जाएगी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है और अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक होगा।

अभी फैसला आना बाकी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण (Takeover) के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आने वाले दिनों में एक आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है। लेकिन सरकार ने कहा है कि अभी फैसला होना बाकी है।

ऐसे सरकारी कंपनी बनी Air India

द्वितीय विश्व युद्ध (IInd World War) के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई। तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया। 1947 में आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस (National Airlines) की जरूरत महसूस हुई। भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी खरीद ली। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में ज्यादा हिस्सेदारी खरीद ली। इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई। 

मौजूदा समय में एयर इंडिया की 4400 घरेलू उड़ानें

डील के तहत एयर इंडिया का मुंबई में स्थित हेड ऑफिस और दिल्ली का एयरलाइंस हाउस भी शामिल है। मुंबई के ऑफिस का बाजार मूल्य 1,500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।

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