NEW DELHI. पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अगस्त से ई- इनवॉयसिंग करना अनिवार्य होगा। वर्तमान समय में 10 करोड़ या उससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉयसिंग अनिवार्य है। अब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारी जीएसटी ई इनवॉइसिंग के दायरे में आएंगे। वित्त मंत्रालय ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
जीएसटी कानून में तय सीमा से अधिक टर्नओवर वालो को बीटूबी यानी बिजनेस टू बिजनेस सेल्स के लिए सिस्टम जनरेटेड बिल जो इलेक्ट्रॉनिकल जनरेट होता है वह जीएसटी पोर्टल से जारी किया जाता है। ऐसे व्यापारी जिनका वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 के बीच ( किसी भी एक वर्ष में ) टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से अधिक हुआ है तो उन्हें 1 अगस्त से अनिवार्य रूप से ई- इनवॉइसिंग करना होगी।
ई वे बिल जारी करने में आसानी
इसका ध्येय लेन-देन की अधिक मात्रा को डिजिटाइजिंग करना, बिक्री में अधिक पारदर्शिता, खामियों और मिलान नहीं होने को कम करना, ऑटोमेटिक डाटा एंट्री और कानून के पालन को बेहतर करना है। जिससे रियल टाइम एंट्री प्रोसेस होती है। इससे टैक्स रिटर्न भरने की प्रोसेस आसान हो जाती है तथा बार-बार मैनुअल एंट्री करने को आवश्यकता नहीं होती है। इसके माध्यम से ई वे बिल जारी करने में भी आसानी होती है। साथ ही सरकार के लिए ये फ्रॉड तथा कर चोरी को रोकने में सहायता मिलती है।