सीजन से पहले सहूलियत : केंद्र के एलान से छोटे व्यापारियों को आस, त्योहार में कर सकेंगे धंधा

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सीजन से पहले सहूलियत :  केंद्र के एलान से छोटे व्यापारियों को आस, त्योहार में कर सकेंगे धंधा

केंद्र सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के छोटे व्यापारियों के लिए कर्ज का खजाना खोल दिया है। नई घोषणा के अनुसार 25 लाख छोटे व्यापारी 1.25 लाख रुपये तक का आसान कर्ज ले सकेंगे। रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारी सीजन के पहले छोटे व्यापारियों को मिली इस छूट से बाजार में आर्थिक तरलता बढ़ सकती है जिससे उत्पादन बढ़ाने में सहायता मिलेगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे छोटे सेक्टर में काम करने वालों को रोजगार भी मिलेगा जिससे उनके हाथों में पैसा भी पहुंचेगा जो बाजार में मांग बढ़ाने में सहायक होगा।

बाजार में दहशत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस घोषणा से खुश बाजार में एक अलग तरह की दहशत भी बरकरार है। बाजार विशेषज्ञों का माना है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभी भी सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अलग-अलग मंचों से अलग-अलग संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इससे उत्पादकों, थोक व्यापारियों से लेकर छोटे रिटेल व्यापारियों तक में अनिश्चितता का माहौल है। व्यापारी पैसा फंस जाने के डर से बाजार से पैसा नहीं उठा रहे हैं, माल खरीदने से भी हिचक रहे हैं। इसका परिणाम हो रहा है कि उत्पादन में भी अपेक्षित गति नहीं बन पा रही है।

बाहरी बाजारों से नहीं आ रहे व्यापारी

दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों की ओर से विवाह कार्यक्रमों की अनुमति के बाद भी कार्यक्रम बेहद सीमित रखे जा रहे हैं। इसका बड़ा असर टेक्सटाइल बाजार पर पड़ रहा है।

लेकिन पैसा कहां है?

लोगों के पास सामान खरीदने के लिए पैसा नहीं है। अप्रैल-मई महीने में संगठित-असंगठित क्षेत्रों में लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। केवल होटल, टेक्सटाइल और कृषि जैसे बड़े रोजगार देने वाले क्षेत्रों में ही नहीं, अन्य क्षेत्रों में लोगों की नौकरियों पर संकट बना हुआ है। यही कारण है कि लोग खर्च नहीं कर पा रहे हैं। मनोवैज्ञानिक तौर पर लोगों में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं। इससे केवल ग्राहकों में ही नहीं, उत्पादकों और थोक विक्रेताओं में भी अनिश्चितता बनी हुई है। अगर तीसरी लहर आई तो व्यापारियों का पैसा फंस सकता है, लिहाजा ये लोग थोक खरीद से भी बच रहे हैं। इन सबका समग्र परिणाम है कि बाजार गति नहीं पकड़ पा रहा है

बंधी उम्मीद