RAIPUR. राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता खत्म होने और उसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में कालिख फेंकने और पुतला जलाया जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के अहंकार ने प्रधानमंत्री की गरिमा को बार-बार तार तार किया है। लोकसभा में राहुल गांधी की सदस्यता को समाप्त करने के बाद पिछड़े वर्ग का अपमान करने के बाद कांग्रेस उनके बचाव में उतरी है।
राहुल गांधी की फौज कानून को मानने वाली नहीं है...
रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ करना, कालिख पोतना यह बताता है कि राहुल गांधी की फौज कानून को मानने वाली नहीं है। कांग्रेस का प्रदर्शन किसके खिलाफ है, किसका विरोध करना चाहते हैं? कानून के खिलाफ या न्यायालय के खिलाफ...? रमन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के पास विकल्प था अगर वो कोर्ट में माफी मांग लेते तो ये स्थिति निर्मित नहीं होती। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे पर कहा कि वे सीआरपीएफ के कार्यक्रम में आए हैं। उनके आने से फोर्स को मनोबल बढ़ेग । ये विशुद्ध रूप से सरकारी कार्यक्रम है, पार्टी की कोई बैठक नहीं है।
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कोर्ट के फैसले को सभी को मानना चाहिए: पूर्व नेता प्रतिपक्ष
इधर बिलासपुर में पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि कोर्ट के फैसले को सभी को मानना चाहिए। कांग्रेस आरोप लगाती है कि बीजेपी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है... मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस कोर्ट के फैसले को भी किसी एजेंसी का फैसला मानती है।
संसद सदस्यता को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत किया समाप्त
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने कहा है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता को विधिवत कानूनी कार्यवाही के बाद संवैधानिक प्रक्रिया के तहत समाप्त किया गया है। सांसद साव ने कहा कि एक समाज विशेष, वर्ग विशेष के खिलाफ टिप्पणी कर मानहानि करने के लिए सूरत कोर्ट ने विधिवत सुनवाई करने के बाद दो साल की सजा सुनाई है और संविधान के प्रावधानों के अनुसार राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। इस पूरे मामले को लेकर सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद से कांग्रेस के नेता जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। न्यायालय पर प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं। न्यायालय की अवमानना कर रहे हैं वह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों की हमेशा से यह प्रवृत्ति रही है कि जब भी कोई फैसला या निर्णय उनके खिलाफ होता है, तो वे संवैधानिक संस्थाओं और न्यायालय पर प्रश्नचिन्ह उठाते हैं।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता को किया रद्द
गौरतलब है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। 23 मार्च, गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में उनको दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी और 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।