DURG. दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने गुरुवार (16 फरवरी) तहसील कार्यालाय का औचक निरीक्षण कर दो रीडरों को सस्पेंड कर दिया,जबकि तीन नायब तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस थामा दिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने अफसरों और कर्मचारियों से आमजन की शिकायतों को समय सीमा में निपटाने के निर्देश दिए।
प्रकरणों को ऑनलाइन रजिस्टर नहीं किया गया
कलेक्टर ने तहसील कार्यालय का दौरा किया। इस दौरान कई तरह की खामियां मिलीं। निरीरक्षण के दौरान कुछ प्रकरणों को काफी समय से ऑनलाइन रजिस्टर नहीं किया गया था। जिसके कारण से प्रकरणों के निराकरण में देरी हो रही है। नाराज कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने रीडर तनसुख देशमुख और सुरेखा तिवारी को निलंबित कर दिया। इसके अलावा तीन नायब तहसीलदारों को भी नोटिस भेजा गया है।
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तहसील न्यायालयों की फाइलें देखीं
कलेक्टर ने नायब तहसीलदार ढाल सिंह बिसेन, प्रीतम सिंह चौहान और सत्येंद्र शुक्ला को शोकाज नोटिस जारी किया। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में रीडर मोहम्मद कादिर को भी शोकाज नोटिस जारी किया गया। कलेक्टर ने अनुविभागीय परिसर में स्थित सभी तहसील न्यायालयों की फाइलें देखीं। वे तहसील परिसर में आए आवेदकों से भी मिले और उनके उनकी समस्याएं पूछीं। कुछ आवेदक राजस्व प्रकरणों को लेकर आए थे और कुछ पेशी में। कुछ आवेदक चिटफंड कंपनियों से संबंधित जानकारी के लिए आए थे।
राजस्व प्रकरण समय सीमा में निपटाए जाएं
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि किसी भी प्रकरण में पटवारी और आरआई के प्रतिवेदन में विलंब नहीं होना चाहिए। यदि देरी हो रही है तो इसका स्पष्ट कारण होना चाहिए। सीमांकन के लिए तय की गई तिथि में टीम पहुंचना चाहिए और आवेदकों को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस बात की लगातार मानिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों के समय सीमा पर पूरा होने की जिम्मेदारी तहसीलदारों की है और वे इसे सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रकरण के आते ही नियमानुसार इसके आनलाइन रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्रवाई शुरू की जाए। समय सीमा से अधिक समय से लंबित प्रकरणों में लगातार सुनवाई कर फैसला शीघ्र किया जाए।