BILASPUR. दुर्ग जिले में एक गजब मामला सामने आया है। यहां की ग्राम पंचायत सिरसाखुर्द में अब दो सरपंच हो गए हैं। यह जानकार आप हैरान हो गए होंगे, लेकिन यह हकीकत है। दरअसल, यह हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद ऐसा हुआ है। आइए आपको विस्तार से समझाते हैं पूरा मामला-
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार सिरसाखुर्द गांव के पूर्व में निर्वाचित सरपंच के खिलाफ ग्रामीणों ने शिकायत की थी। अनियमितता पाते हुए एसडीओ ने बर्खास्त कर दिया था। कलेक्टर और सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद डिवीजन बेंच में अपील की गई थी। इसे स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने एसडीओ के आदेश को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश आने से पहले छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर चुनाव करा दिया। ऐसे में अब इस गांव में दो सरपंच नियुक्त हो चुके हैं। हालांकि चुनाव पर रोक लगाने के आवेदन को पहले ही हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन कोर्ट ने अपील पर फैसले से चुनाव को बाधित रखा था।
दरअसल, दुर्ग जिला के ग्राम पंचायत सिरसाखुर्द में संतोष निषाद सरपंच चुने गए थे। इसके बाद में ग्रामीणों ने अनियमितता की शिकायत की, इसमें कर्मचारियों का पैसा नहीं दिया जाना भी शामिल था। शिकायत पर जनपद पंचायत सीईओ ने ऑडिटर्स से मामले की जांच कराई और गड़बड़ी पाने पर मामले की रिपोर्ट एसडीओ को सौंप दी। एसडीओ ने मामले की जांच की और गड़बड़ी के पुख्ता सबूत पाते हुए सरपंच को पद से बर्खास्त करने के साथ चुनाव लड़ने पर 6 साल के लिए रोक लगा दी। इस पर संतोष ने कलेक्टर दुर्ग के समक्ष अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया।
नए सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया
इसके बाद इसे रिट याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। सिंगल बेंच ने 7 जनवरी 2022 को याचिका खारिज कर दी। इसे चुनौती देते हुए डबल बेंच में अपील की गई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने एसडीओ के आदेश को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई के दौरान एसडीओ ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया है। याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका नहीं दिया है। कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए मामले की दोबारा जांच करने और नए सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
इधर, नए सरपंच ने गांव में काम भी शुरू कर दिया
अपील की सुनवाई के दौरान सरपंच के खाली पद पर चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने तारीख की घोषणा की थी। इसे चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने अपने अपील के साथ एक आवेदन प्रस्तुत किया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया, लेकिन आदेश में कहा कि अपील पर फैसले से चुनाव का परिणाम बाधित रहेगा। चुनाव होने के बाद ग्राम पंचायत के निर्वाचित सरपंच ने काम करना शुरू कर दिया है।