Gariyaband। किडनी की बीमारी (kidney disease)के गढ़ के रुप में पहचाने जाने वाले गाँव सुपेबेड़ा (supebeda) में किडनी की बीमारी से 79 वें मरीज़ के रुप में शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल की मौत हो गई। यह गाँव किडनी रोगियों और उनकी मौत की वजह से खबरों में रहता है। इस गाँव को लेकर लगातार विशेषज्ञों का अध्ययन जारी है और प्रारंभिक तौर पर दूषित पानी इसका कारण माना गया है। सरकार कई मौक़ों पर यह दावा कर चुकी है कि, गाँव तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा लेकिन अब तक इस विषय को लेकर कुछ ठोस नहीं हो पाया है।
चार साल से चल रहा था उपचार
किडनी के मरीज़ों की राजधानी के रुप में चर्चित सुपेबेड़ा में हालिया जिस मरीज़ की मौत हुई है, वे शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल हैं।वे बीते चार बरसों से किडनी का उपचार करा रहे थे। उन्हें एम्स से डिस्चार्ज करा कर जबकि परिजन घर ला रहे थे तो उनकी मौत हो गई।
किडनी मरीज़ों को आंध्र की तर्ज़ पर 15 हज़ार महिना मिले
सुपेबेड़ा गाँव में हर दूसरे घर में किडनी के मरीज़ हैं। हालिया दिनों जबकि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव सुपेबेडा पहुँचे थे तो उनसे ग्रामीणों ने माँग की थी कि, आंध्र में भी ऐसे ही गाँव हैं जहां राज्य सरकार मरीज़ अथवा परिजन को जीवन निर्वाह के लिए पंद्रह हज़ार रुपये महिना देती है, वहीं व्यवस्था यहाँ भी लागू की जाए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने आश्वस्त किया था कि इस माँग को मुख्यमंत्री बघेल तक पहुँचाएँगे क्योंकि वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री भी वही हैं और राशि वहीं से निकलनी है।