GOUREL-PENDRA-MARWAHI: अब तक आप कहते रहे होंगे कि जहां चाह वहां राह- छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के किसी गहरे फैले जंगल के इलाके में हों तो कह सकते हैं कि जहां हवा वहां नेटवर्क (mobile network)। कम से कम कुछ युवाओं के हौसले और खोज को देखकर तो यही कहा जा सकता है। जो ऐसे इलाके में जहां न बिजली (electricity) है न मोबाइल टावर है। वहां नेटवर्क की मदद से ग्राहक सेवा केंद्र चला रहे हैं।
जंगल में तलाशा नेटवर्क
ये कारनामा कर दिखाने वाले गोरेला पेंड्रा मरवाही के युवा हैं। जो जिले के गांव अचानकमार में रहते हैं। इस गांव में न बिजली है और न ही मोबाइल टावर है। जिसकी वजह से पूरा गांव परेशान रहता है। वनवासियों को राहत पहुंचाने कुछ युवाओं ने एक ऐसी जगह तलाश कर ग्राहक सेवा केंद्र खोला, जहां हवाओं के रुख पर मोबाइल नेटवर्क आता-जाता रहता है।
अचानकमार से जुड़ा है ये मामला, जहां अपने गांव के वनवासियों की सुविधा के लिए कुछ युवा खुले आसमान के नीचे तालाब की मेढ़ पर ही एक ग्राहक सेवा केंद्र चला रहे हैं। जिसकी न छत है न दीवार लेकिन ग्राहक सेवा केंद्र बकायदा चल रहा है। गांव की ये वो जगह है जहां पर हवाओं के रुख पर नेटवर्क आता-जाता रहता है। आपको बता दें कि कभी मुंगेली जिले का हिस्सा रहा ये वनग्राम अचानकमार प्रदेश ही नहीं पूरे देश में टाइगर रिजर्व के रूप में पहचाना जाता है।
लेन देन के लिए आते हैं ग्रामीण
ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाले युवाओं ने ऐसी दो जगह तलाशी हैं यहां उन्हें एक कंपनी का नेटवर्क मिल जाता है। वो समय और जरूरत के हिसाब से दोनों जगहों पर नेटवर्क कैच कर काम करते हैं। गांव में कुछ जगहों पर सोलर पैनल भी लगे हैं। जो बिजली की समस्या से काफी हद तक राहत देते हैं। ऐसी ही जगह को पहचान कर युवाओं ने ये केंद्र बनाया है। जहां ग्रामीण अपनी जरूरत के वक्त उनके पास आते हैं और लेन देन करते हैं। साथ ही बाकी जानकारियां भी हासिल करते हैं।