याज्ञवल्क्य, Raipur. 5 राज्यों में करीब डेढ़ साल बाद चुनाव हैं, जिनमें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) शामिल हैं, वहां बीजेपी (BJP) मोदी मंत्र के साथ जून से सड़कों पर होगी। बीजेपी का हर मोर्चा प्रकोष्ठ बीते 8 साल में मोदी सरकार (Modi government) की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के नतीजों को लेकर रिपोर्ट कार्ड के जरिए लोगों के बीच पहुंचेगा। इस कार्यक्रम में शक्ति केंद्र से लेकर से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम होंगे।
31 मई से 14 जून तक चलेगा अभियान
इस अभियान की शुरुआत रिपोर्ट टू नेशन के नाम से पुस्तक की लॉन्चिंग से होगी, जिसे दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) 31 मई को जारी करेंगे, अगले दिन यानी 1 जून को हर प्रदेश में यह किताब राज्य की प्रमुख बोली में बाजरिया मुख्यमंत्री (यदि बीजेपी की सरकार है तो ) या फिर नेता प्रतिपक्ष के द्वारा जारी की जाएगी। यही वह किताब होगी, जिसे बतौर रिपोर्ट कार्ड मतदाता तक बीजेपी पहुंचाएगी।
1 से 14 जून तक बूथ लेवल पर सांसद विधायक प्रदेश जिला और मंडल के पदाधिकारी जनसंपर्क करेंगे, जो कुल मिलाकर 74 घंटों का होगा। इस जनसंपर्क को मोर्चा प्रकोष्ठ के अनुरूप बांटा गया है। किसान मोर्चा किसानों से संबंधित केंद्रीय योजनाओं और उनकी सफलता को लेकर जाएगा। महिला मोर्चा महिलाओं के बीच महिलाओं से संबंधित जो निर्णय मोदी सरकार ने लिए हैं, उन तक पहुंचाएगा। इसी तरह से हर मोर्चा प्रकोष्ठ इन बैठकों में हर दिन 8 घंटे देगा।
SC-ST और यूथ पर भी फोकस
इस कार्यक्रम में यह तय किया गया है कि हर प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों (Tribal majority districts) में 3 जून से 5 जून तक आदिवासी मेले (Tribal fairs) और रैली आयोजित किए जाएंगे। इन मेलों के जरिए बिरसा मुंडा (Birsa Munda) से लेकर स्थानीय स्तर पर जो स्मृति योग्य जनजातीय चेहरा होगा, उसे समर्पित कर यह मेला और रैली का आयोजन होगा।
युवा मोर्चा हर जिले में 7 से 13 जून तक बाइक रैली करेगा। इस बाइक रैली के जरिए केंद्र और एनडीए राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई बुनियादी परियोजना के सभी स्थल पर पहुंचने की तैयारी है। इस बाइक रैली में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री सांसद विधायकों की उपस्थिति होगी। बीजेपी महू में एक बड़ी रैली करेगी, जिसे बाबा साहब विश्वास रैली का नाम दिया गया है, बीजेपी का SC मोर्चा 1 जून से 13 जून तक अनुसूचित बाहुल्य जिलों में चौपाल बैठकें आयोजित करेगी। इसके साथ साथ क्षेत्रीय स्तर से लेकर जिला स्तर पर एक जून से तेरह जून के बीच बड़ी रैलियाँ आयोजित की जाएंगी।
2023 और 2024 की तैयारी 2022 से
बीजेपी इस अभियान के जरिए हर वर्ग तक अपनी सीधी पैठ बनाते हुए या कि उसे और मजबूत करने की कवायद में है। मोदी केंद्रित बीजेपी में फ़िलहाल मोदी ही आसरा है और मोदी ही मंत्र है। आठ बरस मोदी के आयोजन और उसके जरिए पूरे संगठन को झोंकने का साफ़ मतलब है कि बीजेपी चुनावी मोड में आ चुकी है। हालांकि, इसे और बेहतर समझने के लिए जो बात कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह कहते थे और जिसे गुरु वाणी की तरह मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा दोहराते हैं उस पर ध्यान देना होगा। अमित शाह की वो बात जो राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा दोहराते हैं।
“चुनाव खत्म होते ही भाजपा अगले चुनाव की तैयारी में लग जाती है”
कोरोना की वजह से बीजेपी जो कर नहीं पाई वह यही अभियान था। यह अभियान को लेकर जो दिशा निर्देश हैं, उनमें यह बेहद अहम है कि,यह अभियान किसी जश्न की तरह नहीं, बल्कि सेवा की तरह पूरा किया जाएगा। इसके मायने यह भी हैं कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व यह बताना चाहता है कि हर पदाधिकारी को विनम्र होना होगा। यह विनम्र भाव ही शायद सबसे कठिन टास्क होगा।