Raipur। बीजेपी के सीएम हाउस घेराव को लेकर बीजेपी और प्रशासन के परस्पर विरोधी दावे हैं। बिलाशक इस आंदोलन के ज़रिए बीजेपी अरसे बाद पूरे तेवर के साथ नुमाया थी। सुरक्षा के भी ऐसे प्रबंध थे जो इसके पहले नहीं देखे गए। प्रशासन ने थ्री लेयर बेरिकेटिंग की थी, जिसमें कंटेनर भी लगाए गए थे। बीजेपी का दावा था कि, एक लाख कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, लेकिन कार्यक्रम स्थल की क्षमता आठ हज़ार की थी। कांग्रेस ने भी स्थल की क्षमता के आधार पर बीजेपी के एक लाख के दावे पर सवाल उठाए हैं।
बीजेपी की पाँच टीमों का लक्ष्य था -CM हाउस
जिस सभा स्थल को लेकर बीजेपी के संख्या बल पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।वहाँ जो संख्या थी, उसके अलावा कार्यकर्ताओं की टोली शहर में अलग अलग जगहों पर थी। जिस तरह से प्रशासन ने सीएम हाउस जाने वाले रास्तों की क़िलेबंदी की थी, उसे देखते हुए बीजेपी ने रणनीति बदल दी थी। बीजेपी ने सभा स्थल पर कार्यकर्ताओं का हुजूम आने दिया, कार्यक्रम अपनी रफ़्तार से चलता रहा।सभा का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब क़ाफ़िले की शक्ल में भाजयुमो और बीजेपी के कार्यकर्ता बढ़ने लगे तब अचानक माईक पर अनाउंस किया गया कि, सीएम हाउस तक बीजेपी कार्यकर्ता पहुँच गए हैं और वहाँ पर बीजेपी का झंडा विधायक सौरभ सिंह और उनके कार्यकर्ताओं ने फहरा दिया है।
बीजेपी ने प्रशासन की जो क़िलेबंदी देखी तो देर रात उसने रणनीति बदल दी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभा के बाद बीजेपी को सीएम हाउस की ओर कूच करना था।लेकिन नई रणनीति के तहत बीजेपी ने पाँच टीमें बनाईं, जिनका नेतृत्व क्रमशः ओ पी चौधरी, महेश गागड़ा, सौरभ सिंह और अनुराग सिंह, सुशांत शुक्ला तथा एक टीम तेजस्वी की खुद की थी। इन चेहरों के साथ भाजयुमो के कार्यकर्ताओं की टीम लगा दी गई।जबकि सभा शुरु हुई और सबका ध्यान सभा पर था। कार्यकर्ताओं का अलग अलग समूह विभिन्न रास्तों से सीएम हाउस की तरफ़ बढ़ गया। सीएम हाउस के सबसे नज़दीक पहुँची सौरभ सिंह की टीम। यह टीम पंचशील नगर होते हुए सीएम हाउस तक पहुँची।बीजेपी की ओर से सभा स्थल पर की गई घोषणा को लेकर विधायक सौरभ सिंह ने कहा
“हाँ यह सही है, हमारे कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस में बीजेपी का ध्वज लहराया है। कुछ ही क्षण में मुझे और अनुराग सिंह तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया”
बीजेपी के इस दावे को प्रशासन ने ख़ारिज किया है। प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि, सीएम हाउस में झंडा फहराने की बात दूर रही, कोई भी आंदोलनकारी उसके पास भी नहीं फटक पाया।
पुलिस और भाजपा कार्यकर्ता दोनों को चोटें आईं
सीएम घेराव के कार्यक्रम में बीजेपी और पुलिस दोनों को ही चोटें लगने के दावे और तस्वीरें हैं। बीजेपी की ओर से क़रीब दर्जन भर से अधिक कार्यकर्ताओं को चोटें हैं जिनमें तीन की चोटें गंभीर प्रकृति की बताई गई हैं। बीजेपी की ओर से आरोप लगाया गया है कि, उसके कार्यकर्ताओं को चोटें पुलिस के बल प्रयोग से लगीं। इधर राजधानी पुलिस की ओर से बताया गया है कि, उसके दर्जन भर कर्मचारियों को चोटें आई हैं। इनमें एक टीआई को फ्रेक्चर भी होने की बात कही गई है।