बलरामपुर में हाथियों ने पटक- पटककर ली अधेड़ की जान, मछली पकड़ने गया था महान नदी 

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The Sootr CG
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बलरामपुर में हाथियों ने पटक- पटककर ली अधेड़ की जान, मछली पकड़ने गया था महान नदी 

BALRAMPUR.  जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के अलखडीहा गांव के जंगल के बीच महान नदी में मछली मारने गए एक व्यक्ति को हाथियों के दल ने कुचलकर मार डाला है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। इसके साथ ही मामल की जांच की जा रही है। वहीं इस घटना के बाद एक बार फिर क्षेत्र में हाथियों को लेकर दहशत फैल गई है।





ग्रामीणों के साथ मछली मारने गया था अधेड़





कर्रा गांव के गगोलीपारा में रहने वाला 50 साल का बिफना राम 24 अक्टूबर सोमवार को करवा के ढोढ़ीपारा में रहने वाले अपले भतीजे पुरुषोत्तम एतवा के घर अलखडीहा गया हुआ था। इस बस्ती के नजदीक वन क्षेत्र से होकर महान नदी गुजरी है। ग्रामीणों ने नदी में मछली मारने के लिए जाली और बांस का घेरा बनाया हुआ है। सोमवार की आधी रात के समय बिफनाराम गांव के कुछ लोगों के साथ मछली मारने नदी चला गया। 





करीब 40 हाथियों ने अधेड़ को कुचला





मछली मारने गए सभी लोग नदी के किनारे आग ताप रहे थे। तभी उन्हें हाथियों के आने की आहट सुनाई दी। तब लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए बस्ती की ओर दौड़ लगा दी। वहीं बिफनाराम पास ही एक जगह पर छिप गया। फिर करीब 40 की संख्या में पहुंचे हाथियों ने उसे घेर लिया और फिर पटककर उसकी जान ले ली। 25 अक्टूबर मंगलवार की सुबह जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों और गांववालों को अनहोनी की आशंका हुई और मौके पर जाकर देखा तो नदी के किनारे मछली मारने वाली जगह पर ही उसकी क्षत-विक्षत लाश पड़ी हुई थी। सभी समझ गए कि हाथियों ने ही उसकी जान ली है। 





फॉरेस्ट और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची





ऐसे में ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग के अफसरों को दी। मौके पर एसडीओ फॉरेस्ट समेत वन अफसर और कर्मचारी पहुंचे। उन्होंने भी माना कि उसकी मौत हाथियों के हमले से हुई है। इसके बाद परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्कालिक सहायता राशि दी गई। वहीं पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।





जंगल नहीं जाने की दी सलाह





मौके पर पहुंचे वन विभाग के अफसरों को ग्रामीणों ने बताया कि अभी इस इलाके में कई हाथियों का दल विचरण कर रहा है। ऐसे में सभी को सावधानी बरतनी होगी। वे कोशिश करें कि अभी जंगल की ओर न जाएं। नहीं तो इस तरह की अप्रिय घटना का उन्हें भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, अब कई क्षेत्रों में हाथियों को चारा और पानी की कमी हो गई है, जिससे वे भोजन और पानी की तलाश में अलग-अलग वन क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं। इससे आबादी क्षेत्र पर खतरा बढ़ गया है।



 



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