Raipur: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में एक बार फिर शिक्षा का उजियारा फैलने वाला है. नक्सलियों के नाम रहे इलाके में पुलिस चौकी, स्वास्थ्य केंद्र और सड़कों के निर्माण के बाद अब स्कूल खोलने की तैयारियां तेज हो चुके हैं। नए सत्र में यहां 260 स्कूलों को खोलने के निर्देश सरकार ने जारी कर दिए हैं।
रेड कॉरिडोर की पहचान बदलने की कवायद
छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके नक्सलवाद से इस कदर प्रभावित हैं कि उन्हें रेड कॉरिडोर ही कहा जाने लगा है। इस इलाके में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जैसे जिले शामिल हैं। जहां शिक्षा विभाग ने अब बंद पड़े स्कूलों को खोलने के निर्देश दे दिए हैं।
ये वो स्कूल हैं जिन्हें नक्सलियों ने ध्वस्त कर दिया था। तकरीबन 15 साल पहले तोड़े गए ऐसे 400 स्कूलों में से 260 स्कूल दोबारा खोलने की तैयारी है। इन स्कूलों को खोलने के बाद यहां शाला प्रवेश कार्यक्रम भी जोर शोर से करने की प्लानिंग है। जिसमें प्रभारी मंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष और दूसरे जनप्रतिनिधियं को शामिल होने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
नियमित कक्षा लगाने की तैयारी
इन स्कूलों के खुलने के बाद यहां नियमित रूप से सारी कक्षाएं लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। क्लास लेने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के अलावा विद्या दूतों की सेवाएं भी जारी रखने की पूरी तैयारी है। साल 2005 और 2006 के बीच सलवा जुडूम आंदोलन शुरू हुआ था। उस वक्त बस्तर संभाग के कुछ इलाकों में नक्सलियों के डर की वजह से कुछ स्कूल बंद कर दिए गए थे। उन स्कूलों में फिर विद्यार्थियों की रौनक दिखाई देगी।