Raipur। मुख्यमंत्री बघेल ने विधानसभा में जानकारी दी है कि, राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्ति, केंद्र से मिलने वाली राजस्व प्राप्ति क़रीब तीन हज़ार करोड़ अधिक है। सीएम बघेल ने यह भी दावा किया है कि, राज्य सरकार पर बाज़ार ऋण बीते दस वर्षों की तुलना में सबसे कम है।जबकि ऋण दायित्व में छत्तीसगढ़ ओड़िसा और गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है।
वित्तीय प्रबंधन पर सीएम बघेल ने यह कहा
राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर मुख्यमंत्री बघेल जो कि राज्य के वित्त मंत्री भी हैं ने जो ब्यौरा प्रस्तुत किया है और दावे किए हैं वह सुनने में “फील गूड” एहसास कराते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सदन में बताया है कि, राज्य सरकार का राजस्व प्राप्ति का आँकड़ा 79 हज़ार 688 करोड़ है, इसमें राज्य सरकार ने स्वयं की राजस्व प्राप्ति 41 हज़ार करोड़ हासिल की है जबकि केंद्र से राज्य को 38 हज़ार 688 करोड़ हासिल हुआ है याने राज्य सरकार ने अपने स्तर पर जो रैवन्यू हासिल किया है वह केंद्र से मिलने वाले राजस्व प्राप्ति से क़रीब तीन हज़ार करोड़ अधिक है। सीएम बघेल ने सदन में बाज़ार ऋण को लेकर दावा किया है कि वर्ष 2021-22 में कोविड की दूसरी लहर की वजह से रैवन्यू में आई कमी की वजह से 4हजार करोड़ का बाज़ार ऋण लिया था, जिसमें से 3 हज़ार करोड़ चुका दिया गया है और अब यह बाज़ार ऋण केवल एक हज़ार करोड़ है, जो बीते दस सालों में सबसे कम है। राज्य सरकार पर ऋण दायित्व जो कि 82961 करोड़ रुपए है को लेकर सीएम बघेल ने कहा
“31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है,15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।”