Korba.छत्तीसगढ़ के चार शहरों में चल रही 19 कोल वाशरियों की जाँच में बड़ी गड़बड़ियाँ मिलने के संकेत अधिकारियों ने दिए हैं।बताया गया है कि, यह गड़बड़ी कोल वाशरियों की ज़मीन और कोयले के स्टॉक, रिजेक्ट कोल के आँकड़े नहीं होने, एप्रोच रोड ना होने समेत कई मसलों पर मिली हैं। दो दिनों से चल रही यह कार्यवाही अभी आगे और जारी रहने की बात कही गई है साथ ही संकेत दिए गए हैं कि, जाँच के दायरे में कई अन्य कोल वाशरी और कोल डिपो आ सकते हैं।आज देर शाम राज्य सरकार प्रेस रिलीज़ जारी कर सकती है।
कई गड़बड़ी उजागर
मिडली कोल और रिजेक्ट कोल के रिकॉर्ड की तलाश कोल वाशरीज संचालकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।जांच दल को निर्देशित कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक अधिकारी ने बताया है कि कितना कोयला आया और कितना रिजेक्ट हुआ उसका भंडारण कहाँ बना और बिक्री कब कहाँ हुई,इस हिसाब किताब की जाँच में गड़बड़ी सामने आ रही है।इस हिसाब किताब की गड़बड़ी से जीएसटी की रॉयल्टी और दिगर मदों की हेराफेरी साबित हो रही है।इसके अलावा पानी के उपयोग और फिर उसके रिसाईकलिंग के नियमों के पालन को लेकर सवाल भी मुश्किलें खड़े कर रहे हैं।इसके साथ साथ बिजली के हिसाब को लेकर भी जाँच जारी है।जांच में एक और तथ्य ने अधिकारियों को चौंकाया है, यह तथ्य है ज़मीनों के स्वामित्व का।कोरबा रायगढ़ के इलाक़ों में मौजूद कोल वाशरी और कोल डिपो जिन ज़मीनों पर हैं, ख़ासकर कोल वाशरी जिस ज़मीन पर मौजूद हैं उनके भूमि स्वामी को लेकर जाँच दल को यह शंका है कि इन ज़मीनों के मालिकाना हक़ जिनके नाम पर दर्ज हैं, वे वाक़ई में हैं या नहीं है और उस वर्ग या श्रेणी के हैं या नहीं जैसा कि रिकॉर्ड में दर्शाया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि, कुछ कोल वाशरीज लीज़ एरिया में संचालित पाई गई हैं, वहीं कुछ ऐसी भी हैं जहां पहुँचने लिए एप्रोच रोड ही नहीं है, जाँच दल यह भी जाँच रहा है कि, इस स्थिति में अनुमति कैसे मिली।
जाँच लंबी चलने की संभावना
राज्य सरकार में उच्च पदस्थ सूत्र ने संकेत दिए हैं कि, यह जाँच कार्यवाही जिसमें पाँच विभाग, खनिज, पर्यावरण,जीएसटी, पुलिस और राजस्व अमला शामिल है, की जाँच लंबी खींच सकती है।